मोदी से कुर्बत बनाए रख्ने मे हि फाइदा है:जद्यु

अहमदाबाद [सीयासत न्युज ब्युरो] धार्मीक भेदभाव और वाद विवाद‌ के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को भाजपा से अलग करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने ही घर से चुनौती मिल सकती है।

पार्टी प्रेसीडन्ट‌ शरद यादव के लौग इस‌ फैसले से खुश नहीं है और राजग संयोजक का पद चले जाने से बहुत ज्यादा कमि महसूस कर रहे है। यह लौग‌ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और‌ भाजपा से करीब रहने की वकालत करते है। खुद शरद यादव भाजपा से नाता तोड़ने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन नीतीश की जिद के आगे उनकी एक नहीं चली।

शरद खेमे के नेताओं का मानना है कि नीतीश की जिद के कारण शरद यादव की एहमियत‌ राष्ट्रीय राजनीति में कम हुइ है। भले ही नीतीश को तात्कालिक राजनीतिक लाभ मिल रहा हो, लेकिन भविष्य में जदयू को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। शरद खेमा मोदी से नज्दीकी बनाए रखने का ईरादा रख्ता है। इसका एक धड़ा इस प्रयास में जुटा भी है कि भले जदयू व भाजपा अलग हो गए हों, लेकिन इनसे नज्दिकी बनाए रखना चाहिए ताकि भविष्य में पार्टी को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

शरद खेमे का मानना है कि नीतीश आज जो कुछ हैं शरद यादव की वजह से हैं। लिहाजा, उन्हें शरद की भावनाओ के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव चंद्रराज सिंघवी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी व बिहार के प्रभारी मोहन प्रकाश के उस बयान पर एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे जदयू से गठबंधन पर विचार करेंगे। सिंघवी ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी से सबसे बड़ी है और गठबंधन पर फैसले का पहला हक जदयू को है। महज चार सीट जीतकर कांग्रेस उनकी पार्टी पर अपने फैसले थोपकर पिछलग्गू बताने की कोशिश न करें।