अक़लियती उमोर पर इलम-ओ-इत्तेला के बग़ैर फ़ैसले, उम्र जलील पर डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर की ब्रहमी

हैदराबाद 20 जुलाई:अक़लियती बहबूद से मुताल्लिक़ उमोर से लाइलम रखने और मुशावरत के बग़ैर फ़ैसले करने पर डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद उम्र जलील पर ब्रहमी का इज़हार किया। रुबात की क़ुरआ अंदाज़ी तक़रीब में मीडिया और मदाओईन के रूबरू डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर अचानक ब्रहम हो गए और सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद से कहा कि वो किस तरह उनसे मुशावरत के बग़ैर फ़ैसले कर रहे हैं।

कई फ़ैसलों के बारे में वो लाइलम हैं और बाद में उन्हें उनकी इत्तेला मिल रही है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड के ओहदे की ज़ाइद ज़िम्मेदारी प्रोफेसर एस ए शकूर को दिए जाने की मुख़ालिफ़त की और कहा कि हज सीज़न का आग़ाज़ हो चुका है और वो इस ज़िम्मेदारी को किस तरह निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले से पहले कम अज़ कम उनसे मुशावरत की जानी चाहीए थी। सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद ने जब वज़ाहत की के ओहदेदारों की कमी के सबब ये फ़ैसला करना पड़ा तो डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि आप ख़ुद ये ज़िम्मेदारी अपने पास रख सकते थे, आप नौजवान आईएएस ओहदेदार हैं और ज़ाइद ज़िम्मेदारी सँभालने में कोई दुशवारी नहीं हो सकती।

डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने अक़लियती बहबूद के उमोर मैं उनसे मुशावरत ना करने की शिकायत की और कहा कि किसी भी मुआमले में अहम फ़ैसले से पहले उन्हें उस की इत्तेला दी जानी चाहीए। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद से कहा कि वो तन्क़ीदों से हौसलाशिकन ना हूँ बल्कि हुकूमत की स्कीमात पर अमल आवरी पर तवज्जा दें।

उन्होंने कहा कि अप्पोज़ीशन की तरफ से हुकूमत पर तन्क़ीदें की जा रही हैं लेकिन हुकूमत ने अपनी कारकर्दगी को जारी रखा और चन्द्रशेखर राव को मुल्क के नंबर वन चीफ़ मिनिस्टर का एज़ाज़ हासिल हुआ। वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की तरफ से ये सर्वे किया गया था जिसमें ये एज़ाज़ हासिल होना हुकूमत की बेहतर कारकर्दगी का सबूत है। बरसर-ए-आम डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर की इस ब्रहमी पर मीडिया के नुमाइंदे और वहां मौजूद दुसरे लोग हैरत में पड़ गए और कई टीवी कैमरों में ये मुकालमा क़ैद हो गया।