माइनोर्टी लोन स्कीम मे घोटाले से लोगों मे नाराजगी

हैदराबाद 26 फ़रवरी: अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की क़र्ज़ स्कीम में बेक़ाईदगियों के बाद हैदराबाद और रंगारेड्डी में कारपोरेशन के दफ़्तर पर अवाम ने बड़ी तादाद में पहुंच कर नाराज़गी का इज़हार किया।

पिछ्ले साल की ग़ैर मनज़ोरा दरख़ास्तों से ताल्लुक़ रखने वाले लोग और जारीया स्कीम में दरख़ास्त दाख़िल करने वाले लोगें ने कारपोरेशन में जारी धांदलियों पर नाराज़गी का इज़हार किया और ओहदेदारों से मुलाक़ात की कोशिश की।

अवाम की नाराज़गी को देखते हुए हैदराबाद और रंगारेड्डी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टरस के दफ़ातिर में ब्रहम अवाम को दाख़िले से रोक दिया गया। अवाम ने जब इस सिलसिले में अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन के हेडक्वार्टर पहुंच कर नुमाइंदगी की कोशिश की तो वहां आला ओहदेदारों ने ये कहते हुए मुलाक़ात से इनकार कर दिया कि वो मीटिंग में मसरूफ़ हैं।

इस तरह अवाम की किसी भी सतह पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। वाज़िह रहे कि सियासत ने रंगारेड्डी से ताल्लुक़ रखने वाले एक दरख़ास्त गुज़ार के दस्तावेज़ात का इस्तेमाल करते हुए राम नगर हैदराबाद के एक शख़्स को 2 लाख रुपये की स्कीम मंज़ूर करने के स्कॅम को बे-नक़ाब किया था। इस स्कॅम में कारपोरेशन के मुलाज़मीन की मिली भगत साफ़ तौर पर दिखाई दे रही है।

अवाम ने शिकायत की के अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की किसी भी स्कीम के लिए दरमयानी लोगें से रुजू होना ज़रूरी है। ख़ुद कारपोरेशन के ओहदेदार और मुलाज़मीन सही रहनुमाई करने के बजाये दरमयानी लोगें से रुजू होने का मश्वरा और एसे लोगें की निशानदेही कर रहे हैं।

पिछ्ले साल की स्कीम में सब्सीडी से महरूम लोगें को अंदेशा है कि उनके अस्नादात का भी बे-जा इस्तेमाल करते हुए किसी और को स्कीम मंज़ूर की गई होगी। इस सिलसिले में जब फाइनैंस कारपोरेशन के ओहदेदारों से उनकी दरख़ास्त के मौकुफ़ के बारे में पूछा गया तो कोई इतमीनान बख़श जवाब नहीं दिया गया।

अवाम ने शिकायत की के हैदराबाद और रंगारेड्डी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टरस के दफ़ातिर और हैड ऑफ़िस में सीधे मुँह बात तक नहीं की जा रही है और उम्मीदवारों को बुरी तरह झिड़क कर रवाना किया जा रहा है जैसे वो अवाम पर कोई एहसान कर रहे हूँ। जारीया स्कीम के दरख़ास्त गुज़ार जब अस्नादात की हार्ड कापी के साथ दफ़ातिर पहुंच रहे हैं तो उनकी कापियों को हासिल करते हुए रद्दी की तरह फेंक दिया जा रहा है। पिछ्ले साल की स्कीम और जारीया साल की स्कीम से ताल्लुक़ रखने वाले कई दरख़ास्त गुज़ारों ने सियासत हेल्पलाइन सेंटर पहुंच कर कारपोरेशन के ओहदेदारों के रवैये की शिकायत की।

उनका कहना है कि हुकूमत को फ़ौरी मुदाख़िलत करते हुए बद अनवान ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहीए जो कई बरसों से मुख़्तलिफ़ स्कीमात में लाखों रुपयें का ग़बन कर चुके हैं और अभी भी कारपोरेशन में बाज़ मामूरी के ज़रीये मन-मानी कर रहे हैं। अवाम ने चंद बरसों की तमाम स्कीमात की आला सतही और पुलिस के ज़रीये तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया और कहा कि साबिक़ में कारपोरेशन में 67 करोड़ रुपयें का स्कॅम हो चुका है लेकिन इस के ज़िम्मेदार आज भी आज़ाद घूम रहे हैं। इस तरह कारपोरेशन स्कॅमस और घोटालें की तारीख़ रखता है।