अक्वाम-ए-मुत्तहिदा ममलकत फ़लस्तीन को तस्लीम करने तैयार

अक़्वाम ए मुत्तहिद, 29 नवंबर: (एजेंसी,ए एफ़ पी) अक़्वाम-ए-मुत्तहिदा (UN) की जनरल असेंबली ख़ुदमुख्तार ममलकत फ़लस्तीन को तस्लीम करने के लिए तैयार है ।

हालाँकि ऐसी कार्रवाई के ख़िलाफ़ अमेरीका और इसराईल ने धमकीयां दी है कि फ़लस्तीनी अथॉरीटी को इस इक्दाम पर माली इम्दाद बंद कर दी जाएगी जिसकी फ़लस्तीनी अथॉरीटी को इंतिहाई ज़रूरत है । फ़लस्तीन की ये क़रारदाद जिसके ज़रीया फ़लस्तीनी अथॉरीटी को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की मुबस्सिर ममलकत का दर्जा हासिल हो जाएगा ।

जैसा कि फ़िलहाल वीटीकन का ये तवक़्क़ो है कि जनरल असेंबली में मंज़ूर कर ली जाएगी । इसराईल अमेरीका और दीगर मुट्ठी भर अरकान मंसूबा बना रहे हैं कि इस क़रारदाद के ख़िलाफ़ वोट दिया जाए जो बड़ी हद तक अलामती है और फ़लस्तीनीयों के इस इक्दाम से कोई असर मुरत्तिब होने का इम्कान नहीं है ।

सदर फ़लस्तीन इस क़रारदाद की ताईद हासिल करने के लिए कोशां थे और 12 से ज़्यादा योरोपी हुकूमतों ने उनकी ताईद की पेशकश की है । अमेरीका सदर फ़लस्तीनी अथॉरीटी महमूद अब्बास को क़रारदाद पेश करने से रोकने की लम्हा आख़िर की कोशिश में मसरूफ़ है ।

इसराईल और अमेरीका ने धमकी दी है कि क़रारदाद मंज़ूर होने की सूरत में मग़रिबी किनारा की हुकूमत को माली इम्दाद बंद कर दी जाएगी । जिसकी इस हुकूमत को शदीद ज़रूरत है । रमला से मौसूला इत्तेलाआत के बमूजब आज बैन-उल-अक़वामी ( अंतर्राष्ट्रीय) स्टेज पर एक नई आवाज़ हासिल हो जाने की उम्मीद ज़ाहिर करते और अपना क़ौमी पर्चम लहराते हुए फ़लस्तीनी मग़रिबी किनारा और ग़ाज़ा पट्टी की सड़कों पर निकल आए ।

जबकि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेंबली में ख़ुदमुख़्तार ममलकत फ़लस्तीन को तस्लीम करने के लिए क़रारदाद पेश की जाने वाली है जबकि महमूद अब्बास इस सिलसिले में जनरल असेंबली से ख़िताब करेंगे । तवक़्क़ो है कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की 193 रुकनी जनरल असेंबली में ये क़रारदाद आसानी से मंज़ूर हो जाएगी ।

रमला की सड़कों पर आज हज़ारों फ़लस्तीनीयों ने जुलूस निकाला वो फ़लस्तीनी पर्चम लहरा रहे थे और ममलकत फ़लस्तीन को तस्लीम करने के नारे लगा रहे थे । एक हज़ार से ज़्यादा अफ़राद रमला के यासिर अराफ़ात चौक में जमा थे । कई अफ़राद ने फ़लस्तीनी पर्चम उठा रखे थे और कई अफ़राद रिवायती सफेद-ओ-स्याह सरपोश बांधे हुए थे जैसा कि यासिर अराफ़ात सिर पर बांधा करते थे ।

यासिर अराफ़ात फ़लस्तीन के मक़बूल तरीन क़ाइद रह चुके हैं । इनका मक़बरा अरफ़ात चौक से कुछ ही दूर पर वाकेय् ( मौजूद/ स्थित) है ।