अख़लाक़ की बुनियाद पर ही इंसान की अहमियत

आलमी सतह पर मौसमी तबदीली और क़ुदरती वसाइल के बेजा इस्तिमाल से पैदा शूदा हालात से ज़रूरत को पूरा करने के लिये न्यूक्लियर तवानाई का इस्तिमाल ज़रूरी होगया है । इन ख़्यालात का इज़हार साबिक़ा सदर जमहूरीया(पूर्व राष्ट्रपति ) हिंद-ओ-बाबाए मिज़ाएल डाक्टर ए पी जे अबदुल कलाम ने किया ।

उन्हों ने आज यहां सेंट अनस जूनियर कॉलिज मेह्दी पटनम में मुनाक़िदा तक़रीब को मुख़ातब किया ।तक़रीब में ब हैसियत मेहमान ख़ुसूसी डाक्टर ए पी जे अबदुल कलाम ने शिरकत की और कहा कि वक़्त की मांग को पूरा करने के लिये न्यूक्लियर तवानाई ज़रूरत बन गई है ।

उन्हों ने कहा कि अख़लाक़ की बुनियाद पर ही इंसान की अहमियत होती है । उन्हों ने कहा कि सख़्त मेहनत करने वाले के लिये छोटा निशाना जुर्म के मुमासिल (की तरह)होना चाहीए इसे मैं चाहीए कि वो छोटा निशाना मुक़र्रर करने को अपने आप में जुर्म तसव्वुर करे और बड़े निशाना को मुक़र्रर करे ।

उन्हों ने तालिबात को तलक़ीन की कि वो चार चीज़ों को अपना नसबुल ऐयन बना लें । बड़ा निशाना , मालूमात पर क़बज़ा , सख़्त मेहनत और हिम्मत जिस के बाद मंज़िल को हासिल करना कोई मुश्किल बात नहीं ।

उन्हों ने मज़हब और साईंस के ताल्लुक़ से पूछे गए सवाल पर कहा कि मज़हब एक यक़ीन है और भरोसा है । उन्हों ने तालिबात को इस बात का हलफ़ दिलाया कि वो मुल़्क की शान बरक़रार रखेंगे और मुलक का नाम रोशन करेंगे साथ ही कम अज़ कम 100 ख़वातीन और बच्चियों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने के इक़दामात करेंगे

और उन्हें तालीम , रोज़गार और सेहत के ताल्लुक़ से हर मुम्किना तआवुन(मदद) पेश करेंगी । इस मौक़ा पर सेंट अनस कॉलिज की तालिबात ने मुख़्तलिफ़ प्रोग्राम्स पेश किए ।

इस मौक़ा पर बदर फ़ातिमा मेरी बाई अपनी अनटोनी मेरी प्रिंसिपल सेंट अनस जूनियर कॉलेज अनटोनी अम्मां-ओ-दीगर मौजूद थे ।

सेंट अनस जूनियर कॉलिज की जानिब से क़ौमी साल बराए रयाज़ी का एहतिमाम किया गया था ।।