अजित डोभाल और अस्थाना की बातचीत टेप करने के आरोप गलत- सीबीआई

सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में उन आरोपों में गलत बताया जिनमें कहा गया था कि सीबीआई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तत्कालीन सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना की फोन पर हो रही बातचीत को टेप कर रही थी।

सीबीआई ने इस बाबत हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से किसी के टेलीफोन नंबर सर्विलांस पर नहीं रखा है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति एजे भम्भानी की पीठ के समक्ष यह हलफनामा दाखिल किया गया है। इस मामले में पीठ के समक्ष विशेष जांच समिति गठित करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी।

इसी याचिका पर पीठ ने सीबीआई से जवाब मांगा था। पीठ ने अब इस मामले पर सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है। इस बाबत अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी के माध्यम से याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सीबीआई के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर गलत इरादे यह रिकार्डिंग की है।

हालांकि, सीबीआई ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। वहीं, पीठ के आदेश पर गृह मंत्रालय की तरफ से भी इस मसले पर जवाब दाखिल किया गया। गृह मंत्रालय की तरफ से जवाब दिया गया कि सीबीआई को देश की एकता व अखंडता के मद्देनजर कुछ अधिकार दिए गए हैं, लेकिन इन अधिकारों के दुरुपयोग पर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है।

तमाम आरोप आधारहीन

गृह मंत्रालय एवं सीबीआई दोनों की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया है कि तमाम आरोप आधारहीन हैं। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए। सीबीआई का यह भी कहना था कि अगर किसी के टेलिफोन को टेप भी किया जाता है तो इसके लिए बाकायदा कानूनी प्रक्रिया को अपनाया जाता है। जिसके तहत विशेष अनुमति ली जाती है। इस मामले में याचिकाकर्ता किसी भी तरह की टेपिंग के तथ्य पेश नहीं कर पाया है।