अदम रवादारी के ख़िलाफ़ मुज़ाहमत , थिएटरस की अहम ज़िम्मेदारी:महेश भट्ट

हैदराबाद 28 अक्टूबर: इन्क़िलाबी अफ़्क़ार-ओ-अज़ाइम के हामिल फ़िल्मसाज़ महेश भट्ट ने बढ़ती हुई अदम रवादारी (उदारता)की सख़्त मज़म्मत करते हुए हिन्दुस्तानी थिएटरस और फ़नकारों पर-ज़ोर दिया कि वो इस लानत के मुक़ाबले के लिए आगे आएं।

उन्होंने कहा कि थिएटरस का बुनियादी मक़सद भी यही हैके कुचली हुई आवाज़ को उभारा जाये और महेश भट्ट ने जो आज यहां क़ादिर अली बेग फ़ाउंडेशन की 10 रोज़ा तक़ारीब के ज़िमन में मुख़्तलिफ़ शोबा हयात से ताल्लुक़ रखने वाली शख़्सियात के एक मुंतख़ब इजतेमा से फ़िक्र अंगेज़ ख़िताब करते हुए कहा कि थिएटर का मक़सद ही अवाम के जज़बात-ओ-एहसासात की बेहतर तर्जुमानी करना है और बिलख़सूस इन आवाज़ों को उभारना है जिन्हें दबाया और कुचला जाता है। यही वजह हैके थिएटर से वाबस्ता हैदराबाद की अफ़सानवी शख़्सियत क़ादिर अली बेग का नाम आज ना सिर्फ हिन्दुस्तान बल्कि आलमी सतह पर याद रखा जाता है।

महेश भट्ट ने कहा कि इस इजतेमा में वो क़ादिर अली बेग मरहूम की ख़ुशबू और महक महसूस कर रहे हैं जिन्होंने अपने अज़म के साथ थिएटर की रवायात को ना सिर्फ ज़िंदा रखा बल्कि आगे बढ़ाया।