फ़ोन के ज़रिया किसी समीनार को लॉन्ज करना हैरतअंगेज़ बात ज़रूर होसकती है लेकिन टैक्नोलोजी की तरक़्क़ी के इस ज़माने में दाँतों में उंगलियां दबा लेने वाला मुहावरा सादिक़ नहीं आ सकता।
मदनी के लिए इंसाफ़ नामी फ़ोर्म के जुदा चेपटर ने अपील की है कि पीपल्स डैमोक्रेटिक पार्टी सदर नशीन अब्दुल नासिर मदनी की रिहाई के लिए फेसबुक मुहिम शुरू की जाये जो गुजिश्ता कई सालों से जेल की मोसीबतें बर्दाश्त कररहे हैं। समीनार के ज़रिया हिंदुस्तानी मीडिया को हदफ़ तन्क़ीद बनाया गया है जो मदनी को एक दहशतगर्द और इंतिहा-ए-पसंद साबित करने अपनी मुहिम चला रहे हैं
अब्दुल नासिर मदनी ने सिर्फ़ मुसल्मानों, दलितों और दीगर अक़लियतों के हुक़ूक़ के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की थी और मीडिया की इस मुहिम का नतीजा है कि मदनी की ज़मानत भी नामंज़ूर होचुकी है और वो मुसलसल जेल की मोसीबतें झेल रहे हैं। मुस्लिम लीग क़ाइद और रुक्न पार्लीमेंट ई टी मुहम्मद बशीर जिन्हों ने नई दिल्ली में फ़ोन के ज़रिया समीनार का इफ़्तिताह करते हुए कहा कि हुकूमत-ए-हिन्द को मदनी के हुक़ूक़ का पास-ओ-लिहाज़ करते हुए उनकी रिहाई की राह हमवार करनी चाहिए ताकि उन्हें इंसाफ़ मिल सके।