अब फ्लाइट में भी काम करेगा एयरटेल का नंबर

भारती एयरटेल सोमवार को ‘सीमलेस अलायंस’ में शामिल हो गई है। यह ऐसी व्यवस्था है जो मोबाइल ऑपरेटरों और एयरलाइंस को अपनी सेवाओं को एयरलाइन केबिन में मुहैया कराने में सक्षम बनाती है। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी। ‘सीमलेस अलाएंस’ के गठन की सोमवार को बार्सिलोना में घोषणा की गई। इस गठबंधन के तहत मोबाइल ऑपरेटर्स (एयरटेल समेत) अपने ग्राहकों को सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के माध्यम से धरती जैसी मोबाइल सेवाएं विमान में मुहैया कराएंगी। इससे इन सेवाओं की लागत में भी महत्वपूर्ण कमी आएगी, जिससे हर किसी को फायदा होगा।

इस गठबंधन के अन्य संस्थापक सदस्यों में वनवेब, एयरबस, डेल्टा और स्पिरिंट शामिल हैं। यह एक वैश्विक गठबंधन है, जिसका लक्ष्य पांच संस्थापक सदस्यों के अलावा उद्योग की अन्य कंपनियों को भी जोड़ना है, जिससे विमान में मोबाइल सेवा मुहैया कराने की लागत में भारी कमी आएगी। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और दक्षिण एशिया) गोपाल विट्ठल ने कहा, “हम इन नवीन प्रौद्योगिकी मंच के संस्थापक सदस्य बनकर खुश हैं, जो ग्राहकों को सही अर्थो में निर्बाध कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी। एयरटेल वैश्विक नेटवर्क के 37 करोड़ से अधिक ग्राहक अब विमान में बिना किसी रुकावट के हाई स्पीड डेटा सेवाओं का आनंद ले सकेंगे।” एयरटेल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर है, जो एशिया और अफ्रीका के 16 देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है।

ट्राई दे चुका है पहले ही मंजूरी: टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने कुछ दिन पहले ही घरेलू उड़ानों में मोबाइल कनेक्टिविटी को मंजूरी दी थी। जल्द ही इसका पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। भारत पहले सुरक्षा के आधार पर फ्लाइट में इंटरनेट का विरोध करता रहा है, लेकिन पिछले महीने ट्राई ने भारतीय वायुसीमा में इंटरनेट सुविधाएं देने का एलान किया है। हालांकि, ट्राई ने ये शर्त बरकरार रखी है कि मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड में रखने पर ही फ्लाइट में इंटरनेट मिलेगा। साथ ही 3000 मीटर की ऊंचाई पर ही विमान में इंटरनेट चालू किया जाएगा।