अमरिंदर चाहते हैं की मोदी उनकी सरकार को पंजाब की बिजली बचत पाकिस्तान को बेचने दे

पंजाब के मुख्यमंत्री ‘कप्तान अमरिंदर सिंह’ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री ‘मोदी’ से हस्तक्षेप की मांग की ताकि वे पंजाब की बिजली बचत को पाकिस्तान या नेपाल को बेच सकें और उनकी सरकार द्वारा झेले जा रहे गंभीर नकदी सकंट का सामना कर सके।

उन्होंने प्रधानमत्री मोदी को बताय कि राज्य की मांग को पूरी करने के बाद उनके राज्य में 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली बचती है । राज्य में तीन निजी ताप विद्युत  कारखानों के बनने के कारण राज्य मे 3950 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा जबकि ज़रूरत केवल 1400 -1500 मेगावाट की है ।

केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय से अनुमोदन के लिए प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए ‘कैप्टन अमरिंदर’ ने कहा कि यह बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उत्पादन इकाइयों की निश्चित लागत के अतिरिक्त बोझ से भी बचाएगा।

‘कप्तान अमरिंदर’ ने ‘मोदी’ से कहा, क्योंकि पंजाब की सीमाएं पाकिस्तान से साझा हैं और इसका ‘गोइंदवाल साहिब ताप विद्युत संयंत्र’ अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित है तो पाकिस्तान को निरंतर रूप से बिजली प्रदान करना राज्य के लिए मुश्किल नहीं होगा।

दोनों देशों की आपूर्ति प्रणालियों में सहयोग बैठाने के लिए एक साल का वक्त लगेगा जिसमे अमृतसर के पास 400 केवी ग्रिड का उच्च वोल्टेज प्रत्यक्ष वर्तमान बैक-टू-बैक मॉड्यूल स्थापित किया जायेगा ।

अमरिंदर ने कहा , पंजाब नेपाल को भी बिजली देने के लिए तैयार है जो अभी अपनी बिजली की कमी को भारत से खरीद कर पूरा करना चाहता है परन्तु इसके लिए केंद्र सरकार की सहमति चाहिए।

यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने वित्तीय संकट से उभरने के लिए पाकिस्तान को बिजली बेचकर धन जुटाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्य का कुल कर्ज 2006-07 के 48,344 करोड़ रुपये से 2016-17 के अंत तक 1,82,537 करोड़ रुपये हो गया है।