अमिताभ बच्चन ने कहा गुस्से के लिए तैयार नहीं हैं, तो सोशल मीडिया पर मत आइए

नई दिल्ली: बॉलीवुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन ने कहा कि आलोचना से उन्हें अपने काम का मूल्यांकन करने और उसमें सुधार करने का अवसर मिलता है, इसलिए वह सकारात्मक आलोचना को पसंद करते हैं.

एचटी लीडरशिप समिट के दौरान फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर के साथ बातचीत में अमिताभ बच्चन ने कहा अगर कोई उनसे कहता है कि उनका काम फलां फिल्म में घटिया था तो वह उस पर ज़रूर गौर करते हैं. उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानता कि मैंने कब शॉट लगाया, लेकिन मैं यह ज़रूर जानता हूं कि मैं आउट कब हुआ…”

सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले अमिताभ बच्चन ने कहा कि सोशल मीडिया पर लोगों की सभी तरह की भावनाओं का सामना करना पड़ता है, और उन्हें भी लोगों का गुस्सा और गाली-गलौज सहन करनी पड़ती है, सो, अगर कोई ट्रॉल किए जाने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे सोशल मीडिया पर नहीं जाना चाहिए.

बातचीत के दौरान पिछले साल आई फिल्म ‘पीकू’ के बारे में अमिताभ बच्चन ने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरी भूमिकाएं उम्र के हिसाब से लिखी जा रही हैं. ‘सुपरस्टार ऑफ द मिलेनियम’ ने हालांकि कहा कि फिल्मों के लेखक तथा क्रिएटिव कलाकार बेहद शानदार काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह निर्देशक को उसका काम करने देते हैं, और सिर्फ वही करते हैं, जो उनसे करने के लिए कहा जाता है, हालांकि उनका कहना है कि वह फिल्म के लेखक और निर्देशक के साथ विचार-विमर्श ज़रूर करते हैं.

फिल्मों के हिट होने से जुड़े फॉर्मूले के बारे में उन्होंने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. उन्होंने कहा, “इतने साल काम करने के बाद भी मैं इस बात अंदाज़ा नहीं लगा सकता कि कौन-सी फिल्म हिट होगी, और कौन-सी फिल्म नहीं…”

उन्होंने कहा कि वह इतने लंबे अरसे तक फिल्मोद्योग में बने रहने के लिए खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं, लेकिन उन्हें भारत का राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर अमिताभ बच्चन ने कहा, “यह शत्रुघ्न सिन्हा का शुरू किया गया मज़ाक है… मुझे देखिए, मैं इस लायक नहीं हूं… न मेरे पास ऐसी काबिलियत है, न मुझे कोई ज्ञान है…”