अमृतसर- यूपी-बिहार के थे ट्रेन हादसे में मारे गए अधिकतर लोग

अमृतसर में शुक्रवार की शाम को दशहरा समारोह के दौरान तेज गति ट्रेन की चपेट में आए ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी कामगार थे. एक अधिकारी ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी. इस हादसे में अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से अधिकारी 39 शवों की पहचान कर चुके है. जिला प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के ज्यादातर प्रवासी कामगार दुर्घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर एक औद्योगिक क्षेत्र में काम करते थे और निकटवर्ती क्षेत्र में रहते थे. उन्होंने कहा कि शुक्रवार की शाम को दशहरा समारोह में इन दो राज्यों से संबंध रखने वाले लोग अच्छी खासी संख्या में जुटे थे.

अधिकारी ने कहा कि ‘प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार हादसे में मारे गए ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी कामगार थे और वे अपनी आजीविका कमाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे थे.’ अधिकारी ने हालांकि मृतकों के बारे में विस्तृत विवरण नहीं दिया क्योंकि 20 शवों की अभी पहचान की जानी बाकी है. हादसे में घायल हुए उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले 40 वर्षीय मजदूर जगुनंदन ने कहा कि वह रेल पटरी के निकट नहीं खड़ा था, लेकिन रावण का पुतला दहन होने के बाद वह पीछे हट गया था क्योंकि लोगों ने मुख्य स्टेज की ओर भागना शुरू कर दिया था.

चार बच्चों के पिता जगुनंदन को उसका एक रिश्तेदार अस्पताल लेकर आया. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन मृतकों के परिवार के सदस्यों को सभी संभव मदद उपलब्ध करा रहा है. सुबह से बड़ी संख्या में लोग उस रेलवे पटरी पर बैठे रहे जहां यह दुर्घटना हुई थी. इस वजह से इस रेल लाइन पर ट्रेन सेवाएं बाधित रही. हादसे से नाराज लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि दशहरा कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहीं किए गए थे. पंजाब सरकार ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है.