अमृतसर रेल हादसाः मरने से पहले कई लोगों को जिंदगी दे गया रामलीला का ‘रावण’

अमृतसर में जोड़ा फाटक की रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति भी ट्रेन दुर्घटना के शिकार हुए लोगों में शामिल है। रावण का किरदार निभाने के बाद युवक दलबीर सिंह रेल की पटरियों पर खड़े होकर पुतले को जलते हुए देख रहे थे, तभी 58 और लोगों के साथ ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। दलबीर के एक दोस्त ने बताया कि तेज गति से आ रही ट्रेन को देखकर वह उन्हें बचाने के लिए भागा था। उन्होंने कहा, “दलबीर ने सात से आठ लोगों को रेल की पटरियों से पीछे धकेला, लेकिन उसकी नियति में कुछ और ही लिखा था। ट्रेन ने उसे कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।”

उनकी आठ माह की एक बेटी है। दलबीर सिंह की मां अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पा रही हैं। दलबीर की मां ने कहा कि उनके बेटे के शव का तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, जब तक परिवार को सरकार से मुआवजा नहीं मिल जाता। अपने बेटे की विधवा के लिए नौकरी मांग रही दलबीर की मां ने कहा कि राज्य सरकार उनकी बहू को सरकारी नौकरी दे, ताकि परिवार अपनी आजीविका चला सकें। उन्होंने कहा, “हमें न्याय चाहिए। अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि या कोई नेता परिवार से मिलने नहीं आया।”

शुक्रवार को जोड़ा फाटक रेललाइन के निकट विजयादशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था, तो इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, इसे देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिलकुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर रावण दहन का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इन लोगों को पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का एहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी ने इनकी जिंदगी लील ली।