अमृतसर रेल हादसे पर भड़का लोगों का गुस्सा, रिलीफ ट्रेन पर किया हमला, शीशे भी तोड़े

अमृतसर के जोड़ा रेलवे फाटक के पास हुए ट्रेन हादसे में घायल हुए लोगों को अमृतसर के विभिन्न अस्पतालों में दाखिल करवाया गया है। रेल डिवीजन फिरोजपुर के एडीआरएम नरेश वर्मा ने बताया कि रेल हादसे में कितने लोग मरे हैं, यह स्पष्ट नहीं है। मौके पर पहुंच कर ही मरने वालों की सही जानकारी मिल सकेगी। फिलहाल उक्त सेक्शन पर कोई ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित होगी।

अमृतसर के एक रेल अधिकारी के मुताबिक रेलवे फाटक जोड़ा के पास गोल्डन एवेन्यू के खुले मैदान में दशहरा समारोह मनाया जा रहा था। मैदान खचाखच भरा था। इनमें ज्यादातर मजदूर थे। जैसे ही पुतलों का दहन किया गया, पटाखे दागे जाने लगे, राकेट जैसे पटाखे लोगों की तरफ हुए और आग के सेक से लोग ट्रैक की तरफ दौड़े।

इसी दौरान घटनास्थल से हावड़ा-अमृतसर (12054) ट्रेन गुजर चुकी थी। अंधेरा होने के कारण लोगों को दूसरी ट्रेन के बारे में पता नहीं चला। उसी समय वहां पर जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन डीएमयू (74643) ट्रेन गुजरी। ट्रैक पर कई लोग खड़े थे, जिन्हें ट्रेन कुचलते हुए गुजर गई।

इसके बाद गुस्साए लोगों ने घटनास्थल पर रेलवे की एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन पर हमला बोल दिया और ट्रेन के शीशे तोड़ दिए। ट्रेन में रेलवे के डाक्टर और अधिकारी सवार थे। रेल अधिकारी ट्रेन को वहां से वापस दौड़ाकर अमृतसर ले गए। रेल अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से सीआरबी अश्वनी लोहानी और जीएम विश्वेष चौबे दिल्ली से स्पेशल ट्रेन के जरिए अमृतसर के लिए रवाना हो चुके हैं। खबरों के मुताबिक 58 लोगों के मरने की खबर है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल हैं।