दक्षिण चीनी द्वीपो में चीन के प्रवेश को रोकने के लिए अमेरिका को छेड़ना होगा युद्ध: तिलरसन

चीनी सरकार के एक प्रभावशाली अख़बार ने शुक्रवार को बताया की “अमेरिका के सचिव पद के उम्मीदवार ‘रेक्स तिलरसन’ ने बुधवार को यह सुझाव दिया है की दक्षिण चीनी द्वीपो में चीनी प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका को युद्ध छेड़ना पड़ेगा|”

तिलरसन ने अमरीकी सेनेट की विदेश संबंध समिति के समक्ष कहा कि “वह चीन को यह संकेत भेजना चाहते हैं कि, विवादित दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन को प्रवेश की अनुमति नहीं है।”

संयुक्त राज्य अमेरिका को दक्षिण चीन सागर के द्वीपों के उपयोग को रोकने के लिए एक बड़े पैमाने पर युद्ध घोषित करना पड़ेगा, ग्लोबल टाइम्स ने अपने अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाले संपादकीय में कहा।

अख़बार ने कहा की “तिलरसन को अपनी परमाणु ऊर्जा रणनीति पर बेहतर पकड़ होनी चाहिए, खासतौर पर जब वो चीन जैसे बड़े परमाणु ऊर्जा देश को अपने ही प्रदेश से पीछे हटने के लिए मजबूर करने के बारे में सोच रहा है।”

संपादकीय में यह भी कहा कि “तिलरसन, एक एक्सॉन मोबिल कॉर्प के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, के अमरीकी राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प के मंत्रिमंडल में चुने जाने की सबसे ज़्यादा सम्भावना है। चीन के विरुद्ध ऐसा कड़ा रुख दिखा कर वे अपने चुने जाने की संभावनाओ को बढ़ाना चाहते हैं।”

संपादकीय के अनुसार अमेरिका के चीन के प्रवेश को रोकने में कई क़ानूनी सवाल भी हैं जैसे की क्या इसका मतलब है की वियतनाम और फिलीपींस का भी प्रवेश रोका जायेगा?

चीन, ऊर्जा से भरपूर दक्षिण चीनी द्वीपो पर अपना दावा करता आया है जिसके द्वारा $५ ट्रिलियन के व्यापार के जहाज हर साल गुज़रते हैं। गौरतलब है की पड़ोसी देश ब्रूनी , मलेशिया , ताइवान और वियतनाम भी इस इलाके पर अपना दावा करते आए हैं।

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने पहले चीन से आग्रह किया था की वह “हेग” की “मध्यस्थता अदालत” के निर्णय का पालन करे जिसने निर्णय फिलीपींस के पक्ष में दिया था और चीन के इस इलाके पर उसके दावे को अस्वीकार कर दिया था।