अमेरिका ने जमात-उद-दावा को ऐलान किया दहशतगर्द तंज़ीम

दहशतगर्द तंज़ीम लश्कर-ए-तैयबा पर अपना शिकंजा कसते हुए अमेरिका ने बुध के रोज़ उसके कई साथि इ तंज़ीमो को दहशतगर्द की फहरिस्त में डाल दिया। इसमें पाकिस्तान में बैठे 26/11 मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की तंज़ीम जमात-उद-दावा का भी नाम है।

अमेरिकी महकमा खारेजा ने अपनी दहशतगर्द फहरिस्त में तरमीम करते हुए लश्कर-ए-तैयबा से जुडे तीन और गुटों को शामिल किया है।
अमेरिकी मकआ खारेज़ा ने एक सरकारी बयान में इसके साथ ही अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के दो पाकिस्तानी लीडरों पर पाबंदी भी लगाए हैं। अमेरिका ने हेरात में हिंदुस्तानी सिफारतखाने पर हमले का जिम्मेदार भी लश्कर-ए-तैयबा को ठहराया।

अमेरिकी महकमा खारेज़ा ने अपनी फहरिस्त में जमात उद दावा, अल अनफभल ट्रस्ट, तारीक ए हुमरत ए रसूल और तारीक ए तहफ्फुज क्विबला अव्वाल को लश्कर ए तैयबा का ही तंज़ीम बताते हुए उन्हें पाबंदी की फहरिस्त सूची डाल दिया है।

इसके साथ ही अमेरिका ने लश्कर के दहशगर्दों नजीर अहमद चौधरी और मोहम्मद हुसैन गिल को आलमी तौर तौर दहशतगर्द ऐलान किया है। अमेरिकी वज़ारत ए खारेज़ा के मुताबिक, इनमें से नाजिर अहमद चौधरी साल 2000 के शुरूआती दिनों से ही लश्कर से जुडा रहा है और हिक्मत ए अमली में उसकी मदद कर रहा है। वहीं मोहम्मद हुसैन गिल लश्कर के बानियो में से है और इस वक्त उसका चीफ फायनेंस आफीसर है। इसके अलावा अमेरिका ने दिगर 22 लोगों को भी दहशतगर्द ऐलान किया है।

बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही अमेरिका के खज़ाने के महकमा ने लश्कर-ए-तैयबा की इक्तेसादी और लीडरशिप नेटवर्क पर भी अपना शिकंजा कसा है। बयान में कहा गया है कि ये चारों तंज़ीमो दरअसल लश्कर ए तैयबा के ही अलग अलग नाम हैं और पाबंदियो से बचने के लिए लश्कर बार बार अपना नाम बदलता रहा है।

लश्कर ए तैयबा को अमेरिका ने 2001 में ही दहशगर्द तंज़ीम ऐलान कर दिया था। इस फहरिस्त में शामिल किए जाने के बाद अमेरिका अपनी जमीन पर या अपने हुकूक वाले इलाके में इनकी प्रापर्टी जब्त कर सकता है।