अमेरीका में सीनीयर सिटीज़न कार्ड्स की काफ़ी एहमीयत, हिन्दुस्तान में सहूलत की ज़रूरत

हैदराबाद 01 जुलाई: ज़ाहिद अली ख़ान एडिटर रोज़नामा सियासत-ओ-सरपरस्त आला माइनॉरिटीस डेवलपमेंट फ़ोरम के हाथों महबूब हुसैन जिगर हाल अहाता रोज़नामा सियासत में 100 से ज़ाइद मुअम्मरीन (सीनीयर सिटीज़न) में आसरा कार्ड्स की तक़सीम-ए-अमल में आई। कार्ड तक़सीम के मौके पर इफ़्तिख़ार हुसैन सेक्रेटरी फै़जे आम ट्रस्ट और एम-ए सत्तर सेक्रेटरी आसरा मौजूद थे।

ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि हमारे मुल्क हिन्दुस्तान की तरह दुनिया के तमाम ममालिक के हर क़ौम में बड़ों की इज़्ज़त और एहतेराम मौजूद है और उन्हें बड़ी एहमीयत देते हुए क़दर की निगाहों से देखा जाता है। अमेरीका जैसे तरक़्क़ी याफताह मुल्क में भी मुअम्मर हज़रात का बड़ा ख़्याल, पास वलहाज़ रखा जाता है।

उन्होंने कहा कि चंद दिन पहले जब मैं अमेरीका के तेरानगाह पहुंचा तो अमेरीका में मेरी बड़ी इज़्ज़त-ओ-तौक़ीर की गई और वहां की सहूलयात जो दुनिया के किसी हिस्से में नहीं है, इस्तेफ़ादे का मौक़ा मिला। इसी तरह अगर मुल्क की हुकूमत इन मुअम्मरीन के लिए सहूलयात के देने में पेशक़दमी करे तो एक बड़ी ख़िदमत तसव्वुर की जाएगी।

तेलंगाना में आसरा कार्ड की एहमीयत में रोज़-अफ़्ज़ूँ इज़ाफ़ा होता जा रहा है और हुकूमत उनके शिनाख़ती कार्ड में बड़ी संजीदा है। इस लिए एम डी एफ़ में कई मुअम्मर लोग दरख़ास्तें दाख़िल करते हैं। उन्होंने कहा कि सियासत मिल्लत-ए-इस्लामीया के लिए मिल्लत फ़ंड की तरफ से ख़िदमत कर रहा है। वो रोज़-ए-रोशन की तरह अयाँ है और सियासत ने मुअम्मरीन के लिए जिनकी औलादें बैरूनी ममालिक में मुक़ीम है और यहां रहने के बाद उन्हें कोई सहारा बन ना पा रहे हैं उन के लिए ओलड एज होम की साढे़ चार करोड़ रुपये की लागत से तामीर की जा रही है जहां उन्हें रिहायश के साथ तआम-ओ-दुसरे सहूलियात बहम पहुंचाई जाएगी और कहा कि इमाम-ओ-मोज़नीन और उनके बच्चों के लिए रहबरी-ओ-तालीम का नज़म किया जाएगा।

ज़ाहिद अली ख़ान ने इफ़्तिख़ार हुसैन (फै़जे आम ट्रस्ट) के तआवुन-ओ-इश्तिराक का ज़िक्र किया कि इन के लिए फ़लाही कामों में उनकी ख़िदमात नाक़ाबिले फ़रामोश है और हैदराबाद में कपड़ा बैंक के ज़रीये मलबूसात और दुसरे अश्याय की तक़सीम के साथ सियासत-ओ-मिल्लत फ़ंड के ज़रीये रमज़ान उल-मुबारक में चावल और ग़िज़ाई अजनास की तक़सीम की गई।

एम-ए सत्तर सेक्रेटरी आसरा ने आसरा कार्ड की एहमीयत-ओ-इफ़ादीयत पर तफ़सील से रोशनी डाली। इस सीनीयर सिटीज़न कार्ड्स की इजराई में एक ज़ईफ़-ओ-उम्र रसीदा फ़र्द भी थे जिनको ज़ाहिद अली ख़ान ने उनकी नशिस्त तक पहुंच कर आसरा कार्ड हवाले किया। इस के अलावा ज़ाहिद अली ख़ान के हाथों हकीम बहादुर अली, मुहम्मद अहमद, एम-ए वाहिद, इफ़्तिख़ार मुशर्रफ़ को कार्ड्स दिए गए।