अयोध्या के फैसले को रोकने के लिए CJI पर महाभियोग को राजनैतिक मोड़ देने की कोशिश : प्रशांत भूषण

नई दिल्ली : प्रशांत भूषण ने ट्वीटर पर कहा की चीफ़ जस्टिस पर महाभियोग के लिए सरकार के लैपडॉग (एक किस्क का छोटा पालतू कुत्ता) चैनलों द्वारा राजनैतिक मोड़ दिया जा रहा है ताकि अयोध्या के फैसले को रोका जा सके। इसका अर्थ है कि सरकार सीजेआई पर अयोध्या को देने के लिए साहूकारी कर रही है! यह शो क्या दिखाता है न्यायपालिका की आजादी के बारे में?

गौरतलब है की विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। उनके तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए इस साल जनवरी में ही सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव का ड्राफ्ट विपक्षी दलों को बांटा है। बता दें कि सीजेआई का कार्यकाल 2 अक्टूबर तक है।

हालांकि कांग्रेस की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है, लेकिन बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों के सांसदों के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं. मीडिया में आई खबरों के अनुसार कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और वामदल के कुछ नेता ने महाभियोग के प्रस्ताव पर दस्तखत कर चुके हैं. एनडीटीवी के अनुसार 20 सांसद अब तक इस प्रस्ताव पर साइन कर चुके हैं, जिसमें कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल और अहमद पटेल समेत एनसीपी के 5 सांसद हैं.

भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका के राजनीतिकरण की दिशा में उठाया गया कदम है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में चीफ जस्टिस की भूमिका सीमित करने के लिए यह प्रस्ताव लाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, ड्राफ्ट में सीजेआई पर चुनिंदा जजों को मनमाने तरीके से केस आवंटित करने के लिए अथॉरिटी के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। इसके पहले इश्यू में मिश्रा पर प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट मामले में रिश्वत लेने का भी आरोपी बनाया है। इस केस में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए न्यायपालिका में उच्च पदों पर रिश्वत दिए जाने का आरोप है।

दैनिक जागरण के अनुसार इस प्रस्ताव का ड्राफ्ट वकील प्रशांत भूषण ने तैयार किया. बताया जा रहा है कि मंगलवार को ममता बनर्जी ने कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं के अलावा भूषण से मुलाकात कर इस मसले पर चर्चा की थी.