अरविंद केजरीवाल, मायावती के बाद अब राहुल गांधी से मिलेंगे चंद्रबाबू नायडू, राजनीतिक चर्चा गर्म!

सरकार बनाने को बेकरार विपक्ष लगातार अपनी कोशिशों में जुटा है। वहीं सत्ता पक्ष भी आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह की कोई कमी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि दोनों तरफ से अभी से ही इस चुनावी जंग के लिए कमर कस ली गई है।

विपक्ष जहां महागठबंधन के लिए जरिये इस जंग को जीत में बदलने की तैयारी कर रहा है वहीं सत्ता पक्ष अपने कामों का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच संवाद बनाने में जुटा है। महागबंधन को मजबूती देने के लिए गुरुवार का दिन काफी अहम है।

आज दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की कवायद में जुटे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू दिल्ली आ सकते हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।

दरअसल उम्मीद की जा रही है कि गैर बीजेपी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को दिल्ली में राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं।

यही नहीं दिसबंर में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी के साथ गठबंधन पर चर्चा कर सकती है। लेकिन सबसे अहम एजेंडा मिशन 2019 ही होगा। इसमें आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए भी गठबंधन की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया जाएगा।

आपको बता दें कि तेलंगाना में केसीआर को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस लगातार कोशिश में जुटी है। इसके लिए कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के बीच बातचीत भी शुरू हुआ है।

ये प्रारंभिक चर्चाएं राज्य के नेताओं की ओर से आयोजित की गई हैं और दोनों पक्ष सीट साझा करने के सूत्र को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। टीडीपी के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो जाता है तो कांग्रेस के लिए दक्षिण में यह दूसरा अहम गठबंधन होगा।

इससे पहले मई में कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस के साथ गठबंधन किया था।

राहुल गांधी के साथ-साथ नायडू एनसीपी के प्रमुख शरद पंवार से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तकलीफ बढ़ाने के लिए नायडू लगातार गैर भाजपा दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।

कभी भाजपा के करीबी रहे नायडू ने अब भाजपा खेमे में ही हलचल बढ़ा दी है। मोदी सरकार के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर ये खबर अच्छी नहीं है। एनडीए से दो बड़े दल दूरी बना चुके हैं। शिवसेना के बाद टीडीपी का जाना भाजपा को बड़ी चुनौती दे सकता है।