मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कम रक़म आवंटित की हैं। राज्य बजट वर्ष 2017-18य की विधानसभा में घोषणा की थी। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 350 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में 405 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
स्कालरशिपस और अल्पसंख्यक युवाओं के प्रशिक्षण के विभिन्न स्कीमस और अल्पसंख्यक नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं के लिए आवंटित राशि में कमी की वजह से पूरा नहीं हो जाएगा। 350 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2017-18 लिए आवंटित किए गए हैं जिनमें से 125 करोड़ रुपये अल्पसंख्यक बस्तियों में सुधार और विभिन्न बुनियादी सुविधाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रदान करने के लिए आवंटित किए गए हैं।
राज्य वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कल कहा था कि उनकी तबियत के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को बजट प्रदान किया जाएगा। ऐसा मालूम होता है कि उन्हें यूपीएससी ‘एम पी एस सी’ बैंकिंग सेवाओं और अन्य के लिए प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होना होगा। इसके अलावा मुहारे प्रशिक्षण प्रदान करने का भी उन्होंने आश्वासन दिया लेकिन इस कदम के लिए केवल 8 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
बजट में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कम राशि आवंटित करने पर मुस्लिम सदस्यों ने नाराजगी जताई और कहा कि सरकार ” सबका साथ सबका विकास ” का नारा लगाती है लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए कम राशि आवंटित करती है। अल्पसंख्यकों ने अपनी कल्याण के लिए एक हजार करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की थी लेकिन उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया गया और अतीत की तुलना में उन्हें कम राशि प्रदान की गई।