अलक़ायदा की अनक़रीब शिकस्त ,वज़ीर-ए-दिफ़ा अमरीका

काबुल 10 जुलाई (ए एफ़ पी) वज़ीर-ए-दिफ़ा अमरीका लीवन पेनेटा ने कहा कि अलक़ायदा की शिकस्त अब क़रीब आगई है। वो अफ़्ग़ानिस्तान के अचानक दौरा पर पहुंच गए थे जबकि अमरीका की बाअज़ अफ़्वाज अफ़ानसतान से तख़लिया की तैय्यारी कररही हैं। लीवन पेनेटा यक्म जुलाई से वज़ीर-ए-दिफ़ा अमरीका के ओहदा का जायज़ा ले चुके हैं। वो सबकदोश होने वाले वज़ीर-ए-दिफ़ा राबर्ट गैटस के जांनशीन हैं, वो अफ़्ग़ानिस्तान के अचानक दौरा पर काबुल पहुंच गए। इन के प्रोग्राम में सदर हामिद करज़ई से वस्त जुलाई में नाटो ज़ेर क़बज़ा चंद इलाक़ों की अफ़्ग़ान नज़म-ओ-नसक़ को मुंतक़ली पर तबादला-ए-ख़्याल शामिल है। इन की आमद से पहले लीवन पेनेटा ने अपने हमसफ़र अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि माह मई से रात के वक़्त धाओं से जो अमरीकी फ़ौज ने पाकिस्तान में किए हैं जिन में से एक में उसामा बिन लादन की हलाकत भी हुई और 10 ता 20 अहम अलक़ायदा क़ाइदीन को भी निशाना बनाया गया जिन की शनाख़्त पाकिस्तानी, यमनी, सोमालियाई और शुमाली अफ़्रीक़ा के शहरीयों की हैसियत से की गई है। लीवन पेनेटा ने जो क़ब्लअज़ीं दो साल सी आई ए के सरबराह भी रह चुके हैं। उन्हों ने कहा कि अगर हम इन का तआक़ुब करसकें तो उन के ख़्याल में अलक़ायदा को शिकस्त दी जा सकती है। उन्हों ने पाकिस्तान पर भी ज़ोर दिया कि अलक़ायदा के ख़िलाफ़ जंग में मज़ीद मदद करे जबकि दहशतत गर्दी के ख़िलाफ़ जंग में अमरीका के हलीफ़ पाकिस्तान से अमरीका के ताल्लुक़ात बेहद कशीदा होचुके हैं। न्यूयार्क से मौसूला इत्तिला के बमूजब शुमाली औक़ियानूस मुआहिदा तंज़ीम नाटो की नई हिक्मत-ए-अमली रातों रात धावे तालिबान की कमर तोड़ ने में कामयाब हैं। अमरीकी और अफ़्ग़ान ओहदेदारों के अफ़्ग़ानिस्तान में अमरीका की हिक्मत-ए-अमली के बारे में ब्यान का हवाला देते हुए रोज़नामा न्यूयार्क टाईम्स ने कहा कि नाटो की रात के धावओं की हिक्मत-ए-अमली तालिबान पर तबाहकुन असरात मुरत्तिब करने में कामयाब होचुकी है। नामवर तालिबान कमांडरस हलाक होचुके हैं। जंगजूओं का पूरा ग्रुप मादूम होचुका है। अमरीका को पाकिस्तान से शिकायत है कि वो अस्करीयत पसंदों के ख़िलाफ़ काफ़ी कार्रवाई नहीं कररहा है।
शुमाल मशरिक़ी जापान ज़लज़ले से दहल गया, नुक़्सानात की कोई इत्तिला नहीं
टोकीयो 10 जुलाई (राइटर्स) एक ताक़तवर ज़लज़ले से आज शुमाल मशरिक़ी जापान का वही इलाक़ा मुतास्सिर हुआ जो मार्च में ज़बरदस्त ज़लज़ला से मुतास्सिर होचुका है लेकिन साहिली इलाक़ा में किसी भी किस्म की तबाही की कोई अलामत नज़र नहीं आई। फ़ो को शीमा न्यूक्लियर प्लांट को जो पहले ही से ग़ैर कारकरद है मज़ीद कोई नुक़्सान नहीं पहुंचा। जापान के महकमा-ए-मौसीमीयत ने दोपहर से पहले इस इलाक़ा में सूनामी आने का इंतिबाह दिया था। अमरीकी जयालोजीकल सर्वे के बमूजब ज़लज़ले की शिद्दत 7 थी और इस का मब्दा शुमाल मशरिक़ी साहिल के क़रीब 18 केलो मीटर की गहराई में वाक़्य था। ज़लज़ला का झटका मुक़ामी वक़्त के मुताबिक़ दिन के 10 बजे से कुछ पहले महसूस किया गया। इस का आग़ाज़ पहले इमारतों के लरज़ने से हुआ और बाद में इस में शिद्दत पैदा होगई।