असम: 15 दिसंबर तक करवा सकते हैं एनआरसी में नाम शामिल

सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए गुरुवार को 15 दिसंबर तक की समय सीमा निर्धारित कर दी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए दावा करने वालों को उन पांच दस्तावेजों का सहारा लेने की भी अनुमति दे दी जिन पर पहले राष्ट्रीय पंजी के को-ऑर्डिनेटर ने आपत्ति की थी.

इन पांच दस्तावेजों में 1951 की राष्ट्रीय नागरिक पंजी, 1966 की मतदाता सूची, 1971 की मतदाता सूची, 1971 तक का शरणार्थी पंजीकरण प्रमाणपत्र और 1971 तक जारी राशन कार्ड शामिल हैं.

अभी तक राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे में नाम शामिल करने या निकालने के लिए उन दस दस्तावेजों का इस्तेमाल हो रहा था जिन्हें 24 मार्च, 1971 की आधी रात से विभिन्न प्राधिकरणों और निगमों ने जारी किया था. शीर्ष अदालत ने दावेदारों को नोटिस जारी करने की समय सीमा 15 जनवरी और दस्तावेजों के सत्यापन की समय सीमा एक फरवरी निर्धारित की है.

NRC को लेकर पिछले काफी समय से विवाद छिड़ा हुआ है. एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में गोरखा समुदाय के एक लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था. ऐसे में गृह मंत्रालय ने फॉरनर्स ट्रिब्यूनल-1946 के मुताबिक, असम में रह रहे गोरखा समुदाय के सदस्‍यों की नागरिकता की स्थिति के बारे में राज्‍य सरकार को स्‍पष्‍टीकरण जारी किया था.