अज़ीम तर शहर हैदराबाद की ईदगाहों और मसाजिद में ईद-उल-फ़ित्र के इजतेमाआत

दोनों शहरों में ईद-उल-फ़ित्र की ख़ुशीयों के साथ साथ इसराईल के ख़िलाफ़ ब्रहमी और फ़लस्तीन-ओ-ग़ज़ा के मज़लूमीन से हमदर्दीयां नुमायां तौर पर महसूस की गईं।

शहर की तमाम ईदगाहों-ओ-मसाजिद में जहां कहीं नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र का एहतेमाम किया गया था, हर मुक़ाम पर मुसलमानों ने फ़लस्तीन के मज़लूमीन की फ़तह-ओ-नुसरत और इसराईल की तबाही के लिए ख़ुसूसी दुआएं की गईं।

हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद में नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र के लिए सब से बड़ा इजतेमा ईदगाह मीरआलम पर देखा गया जहां मौलाना मुहम्मद सैफ़‍ उल्लाह और मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी जाफ़र पाशाह ने नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र से पहले ख़ुसूसी ख़िताब किया।

नमाज़ ईद की इमामत मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद रिज़वान क़ुरैशी ख़तीब-ओ-इमाम मक्का मस्जिद ने की। शहर की ईदगाहों बिलख़सूस मीर आलिम, मादनापेट, बालामराई, अंबरपेट, उजालेशाह के अलावा दुसरे मुक़ामात पर नमाज़ ईद के मौके पर मुसलमानों के बड़े इजतेमाआत देखे गए।

मौलाना ने कहाके इसराईली प्रॉडक्ट्स के बाईकॉट का आग़ाज़ करते हैं तो इस का असर बराबर नज़र आएगा। मौलाना सैफ़‍ उल्लाह ने बताया कि इसराईली अशीया जो हम खरीदते हैं उन से होने वाली आमदनी इसराईल अपने असलाह की तैयारी में लगाता है और वही असलाह हमारे अपने भाईयों की तबाही के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हम रास्त तौर पर फ़लस्तीनीयों की मदद तो नहीं करसकते लेकिन इसराईली अशीया के बाईकॉट के ज़रीये हम अपने ग़म-ओ-ग़ुस्से का इज़हार ज़रूर करसकते हैं।

शेख़ अलादब जामिआ निज़ामीया ने नौजवानों को तलक़ीन की के वो रमज़ान भर के दौरान अल्लाह ताआला ने जो उन की तर्बीयत की, इस तर्बीयत पर साल भर अमल करें और जो अपने लिए पसंद करते हूँ वो दूसरे के लिए भी पसंद क्या करें। मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी जाफ़र पाशाह ने इस मौके पर अपने ख़िताब के दौरान कहा कि हमारी अपनी बदआमालियों के सबब हम पर मुश्किलात-ओ-परेशानियां नाज़िल होरही हैं।