आर्मी ने राज ठाकरे से कहा, ‘हमारे नाम पर जबरन वसूली मत करो’

नई दिल्ली/मुंबई: भारतीय सेना ने आज इस बात पर नाराज़गी व्यक्त की है कि उसे ज़बरदस्ती राजनीतिक मुद्दों में घसीटा जा रहा है. ये नाराज़गी असल में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के लिए है जिसमें ए दिल है मुश्किल की रिलीज़ को ठाकरे की गुंडागर्दी वाली राजनीति ने मुश्किल में डाल दिया है.

कई रिटायर्ड और सर्विस कर रहे सेना अधिकारियों ने अंग्रेज़ी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए ये कहा है कि इस तरह से आर्मी वेलफेयर में पांच करोड़ रूपये जमा करवाना ग़लत है. गौरतलब है कि राज ठाकरे ने आज ए दिल है मुश्किल फ़िल्म की रिलीज़ के लिए ये शर्त रखी थी कि फ़िल्म के प्रोडूसर को आर्मी वेलफेयर फण्ड में 5 करोड़ जमा कराने होंगे.

अधिकारियों ने कहा कि सेना ग़ैर-राजनीतिक और सेक्युलर है और इसके नाम का कोई ग़लत तरह से इस्तेमाल नहीं कर सकता. ख़बर के मुताबिक़ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल ने कहा कि सेना किसी से पैसों की भीक नहीं मांग रही, अगर कोई प्रोडूसर दान करना चाहता है तो इसमें कोई बुराई नहीं. किसी और भारतीय नागरिक की तरह वो भी फण्ड में पैसे जमा करा सकता है लेकिन इस तरह से अगर कोई ज़बरदस्ती करता है तो बिलकुल ग़लत है.
जसवाल ने कहा कि सेना हमेशा ग़ैर-राजनीतिक रही है और रहेगी.

गौरतलब है कि MNS ने इस फ़िल्म को रिलीज़ करने देने के लिए तीन शर्तें रखी हैं जिसमें से एक पांच करोड़ रूपये आर्मी को दान करने वाली भी है.