हैदराबाद 4 मई आसिफ़ जाहि हुक्मरानों ने हमेशा अवाम की तरक़्क़ी और बहबूद को तरजीह दी चुनांचे आसिफ़ जाहि दौर के खात्मा के बावजूद आज भी आंध्र प्रदेश के इलावा कर्नाटक , महाराष्ट्रा और तामिलनाडू के बाअज़ इलाक़ों के अवाम उसी दौर में शुरू कर्दा प्रोजेक्ट्स से इस्तिफ़ादा कर रहे हैं।
हिंदुस्तान में आसिफ़ जाहि हुक्मरानों को जहां इंतिहाई दौलतमंद तरीन होने का एज़ाज़ हासिल रहा वहीं उस दौर में दरयाफ्त होने वाली हर शए सब से पहले हैदराबाद दक्कन में दस्तयाब होती थी । 1879 तक भी सारा हिंदुस्तान तारीकी में डूबा रहता था।
बर्क़ी ना होने के बावजूद हैदराबाद दक्कन में क़ंदीलों के ज़रीए रोशनी का बेहतर इंतेज़ाम किया जाता इन क़ंदीलों को रोशन करने के लिए खासतौर पर अमला तैनात रहा करता था।
कहा जाता है कि 1879 में सब से पहले कोलकता में बर्क़ी के इस्तेमाल का मुज़ाहरा किया गया और फिर मुंबई के कराफ़ोर्ड मार्केट में 1882 में बर्क़ी के ज़रीए रोशनी के इंतेज़ाम का अमली मुज़ाहरा किया गया।
इन दोनों शहरों में तो बिजली के इस्तेमाल का मुज़ाहरा किया गया लेकिन इस के चंद बर्सों बाद हैदराबाद दक्कन में बाज़ाबता तौर पर बिजली का इंतेज़ाम किया गया इस तरह एक ऐसे वक़्त जब कि सारा हिंदुस्तान तारीकी में डूबा हुआ था हैदराबाद के शाही महलात रोशनी से मुनव्वर थे।
नवाब मीर महबूब अली ख़ांन बहादुर महबूब अली पाशा ने सारी ममलकत में बिजली पहूँचाने का बीड़ा उठाया और 29 अक्टूबर 1910 में महकमा बर्क़ी का क़ियाम अमल में लाया गया ।
क़ारईन ! हिंदुस्तान और आंध्र प्रदेश में बर्क़ी सरबराही की तारीख पर हम ने इस लिए रोशनी डाली क्यों कि अब भी शहर हैदराबाद के कई मुक़ामात पर उस दौर में नस्ब कर्दा बर्क़ी खंबे मौजूद हैं लेकिन अब ए पी जेनको का अमला बड़ी बेदर्दी से उन तारीख़ी और क़दीम बल्कि नादिर और नायाब बर्क़ी खंबों का एक तरह से सरका (चोरी) करते हुए उन्हें औने-पौने दामों में फरोख्त कर रहा है।
ज़रूरत इस बात की है कि शहर के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात परआसिफ़ जाहि दौर में नस्ब कर्दा बर्क़ी खंबों की तरह खंबे नस्ब किए जाएं ताकि देखने वालों को भी अच्छा लगे।
इस लिए कि इस तरह के खंबे यूरोपीय और मशरिक़ वुस्ता के ममालिक में अहम मुक़ामात और सड़कों पर नस्ब किए जाते हैं लिहाज़ा महकमा बर्क़ी के आला ओहदेदार कम अज़ कम उन खंबों के ख़ूबसूरत डिज़ाइन पर ग़ौर करें जिस से उन्हें इन खंबों की अहमियत और अफादियत का अंदाज़ा होगा।