इत्तिहाद वक़्त का तक़ाज़ा ,अमीर क़तर की अपील

अमीर क़तर ने गुज़िश्ता रोज़ अरब ममालिक से मुतालिबा किया है कि वो तरक्कीयात के लिए पाई जाने वाली वाली गैर यक़ीनी सूरते हाल को ख़त्म करने के लिए नए मॉडल को दरयाफ़्त करें जिस में ख़ुसूसन ग़ुर्बत, बेरोज़गारी, पसमांदगी और अवामी सेहत के मसाइल को हल किया जा सके। कुवैत में अरब समिट के इफ़्तिताही सेशन से ख़िताब करते हुए उन्हों ने इलाक़ा को दर्पेश दहश्तगर्दी के मसाइल और सियासी मसाइल से निमटने के लिए बेहतर इक़दामात का मुतालिबा किया है और इंतिबाह दिया है कि दहश्तगर्दी से इलाक़ा को बड़ा नुक़्सान होगा।

उन्हों ने मज़ीद इस पर भी तवज्जा दिलवाई कि ख़लीजी तआवुन की कौंसिल को तरक़्क़ी देने और उसे असरे हाज़िर के तक़ाज़ों को मुकम्मल करने के मुताबिक़ बनाने के इक़दामात किए जाने चाहिऐं। तरक्कीयात के बोहरान की वजह से क़ौमी और इलाक़ाई सतह पर सेक्यूरिटी के ख़दशात को बढ़ा दिए हैं और इस के नताइज ख़लीजी ममालिक के लिए नुक़्सानदेह हो सकते हैं।

उन्हों ने मज़ीद कहा कि तफ़रक़ा और नफ़रत की वजह से सियासी और समाजी यक्सानियत को नुक़्सान हो रहा है और इसे ख़त्म करने के लिए फ़ौरी तौर पर इक़दामात किए जाने चाहिऐं। इलावा अज़ीं तरक्कीयात के सिम्त मौजूद गैर यक़ीनी सूरते हाल को भी ख़त्म किया जाना चाहीए। उन्हों ने सदर क़ौमी मख़लूत हुकूमत शामी इन्क़लाबियों और अपोज़ीशन ताक़तों के सरब्राहों से मुलाक़ात भी की और शाम की ताज़ा तरीन सूरते हाल पर तबादले ख़्याल किया। अमीर कुवैत बादअज़ां वतन वापिस हो गए।