इन्हे इस्लाम ने सिखाई इंसानियत।

धर्म के नाम पर देश में जहाँ लोग आजकल एक दूसरे पर इतना हावी हो रखे है। वहीँ श्रीनगर के कुलगाम जिले में एक मुस्लिम और हिन्दू परिवार अपने धर्मों को पीछे रखकर इंसानियत और प्यार भाव का जज़्बा दिखाया है। 1990 में कश्मीर में हुए दंगो के दौरान पंडित जानकी नाथ का परिवार अपना घर छोड़ कर नही गया थ। तब वहां रह रहे मुस्लिम लोगों ने उनको बचाने में उनकी पूरी मदद की थी और अब तक करते आ रहे है। 5 साल पहले जब जानकी नाथ की मौत हुई तो उनका अंतिम संस्कार पूरे हिन्दू रीति रिवाज़ों से किया गया।  जबकि आसपास के इलाके में कोई भी पंडित नही रहता है फिर भी जानकी नाथ की मौत के बाद उनकी पत्नी की देख रेख अच्छी तरह से की जा रही है।

इस पर जानकी नाथ के पड़ोस में रह रहे मुस्लिम परिवार के गुल का कहना है कि उनके परिवार के ख़ास फैसलों में वह जानकी नाथ की पत्नी की राय जरूर लेता है और उनको अपने परिवार के मेंबरों में से ही एक मानता है। ऐसे लोग हमारे देश के लिए एक मिसाल की तरह है जो कि इंसानियत को ही अपना धर्म मानते है।