इसराईल को नसल परस्त ना कहें , अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सैक्रेटरी जनरल की ताकीद

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा3सितंबर (राईटर) अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सैक्रेटरी जनरल बाण ।की मून ने दुनिया के ममालिक से कहा है वो इसराईल कौंसल परस्त क़रार देने केलिए इश्तिआल अंगेज़ बयानबाज़ी ना करें। उन्हों ने नसल परस्ती के मौज़ू पर मुनाक़िदा कान्फ़्रैंस के दस साल मुकम्मल होने के मौक़ा पर एक मीटिंग में कहा, हम सब ये जानते हैं कि डरबन कान्फ़्रैंस के बाद बड़ा तनाज़ा पैदा होगया था। जो भी इस मुआमला पर नफ़रत अंग्रेज़ी करेगा हम उस की मुज़म्मत करेंगी। हमारी तवज्जा नसल परस्ती और अदम रवादारी पर होनी चाआई। डरबन कान्फ़्रैंस में इस्लामी ममालिक ने मुतालिबा किया था कि इसराईल को नसल परस्त क़रार दिया जाय जिस पर इसराईल और अमरीका ने वाक आउट किया था। कल भी अक़्वाम मुत्तहदा में तक़रीर करते हुए महमूद अहमदी नज़ाद ने इसराईल को ज़ालिमाना नसल परस्त हुकूमत कहा था। ये कशीदगी अब भी जारी ही। आज भी अमरीका, बर्तानिया और फ़्रांस समेत एक दर्जन मग़रिबी ममालिक ने मीटिंग का बाईकॉट किया। इसराईल नवाज़ ग्रुपों का एक इत्तिहाद बन गया। बर्तानवी वज़ीर-ए-ख़ारजा विलियम हेग ने कहा: डरबन कान्फ़्रैंस जिस यहूदी मुख़ालिफ़ माहौल में हुई वो नाख़ुशगवार वाक़िया था, हमें उस की याद नहीं मनाना चाआई। इसराईल के सफ़ीर ने आलमी इदारे पर नुक्ता चीनी की कि इस ने ईरान जैसे ममालिक को तक़रीर करने की इजाज़त क्यों दी।