इस्लामी पोशाक पर आपत्ति करने के परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं- गिलानी

श्रीनगर: बुजुर्ग अलगाववादी नेता और हुर्रियत के अध्यक्ष सैयद अली गिलानी ने दिल्ली पब्लिक स्कूल श्रीनगर प्रशासन द्वारा एक शिक्षक के लिबाज़‌ पहनने पर आपत्ति उठाने को बहुत दुखद और निंदनीय बताते हुए कहा है कि स्कूल प्रशासन को इस घटना के लिए तुरंत बिना शर्त माफी मांग‌नी चाहिए और सुनिश्चित बना लेते चाहिए कि आगामी लिए कभी भी इस तरह की मूर्खता सरज़द न हो। श्री गिलानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है और यहाँ इस्लामी पोशाक पर आपत्ति करने के परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन को होश नाखून लेना चाहिए और संवेदनशीलता को कभी भी नजरअंदाज करने की गलती नहीं दोहरानी चाहिए।

हुर्रियत अध्यक्ष ने यहां एक बयान में कहा कि किसी के लिबास‌ या बुर्का पहनने पर आपत्ति करने का वैसे भी कोई नैतिक औचित्य नहीं है।और यह एक व्यक्ति के आत्मसम्मान के भी खिलाफ है। खुद अमेरिका और यूरोप में भी ट्रेंड के खिलाफ अब गंभीर आवाज बुलंद हो रही हैं और यह मानव अधिकारों के सम्मान के खिलाफ समझा जाने लगा है। वहाँ फैशनेबल लोगों द्वारा भी लिबास‌ और बुर्का पहनने वाली महिलाओं का सम्मान किया जाता है और उसका नैतिक समर्थन किया है।

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