इस्लाम अमन का पैग़ाम: इक़बाल अहमद

हैदराबाद३०जुलाई, ( रास्त ) इस्लाम ज़मीन पर फ़साद रोकने के लिए आया ही, ये अमन का पैग़ाम देता है। इस्लामी तारीख़ इस बात पर शाहिद है कि मुस्लमानों ने अपने दौर-ए-हकूमत में कभी भी क़तल-ए-आम नहीं किया बल्कि जहां क़त्ल-ओ-ग़ारतगरी होती थी वहां मुहब्बत और उखुवत को प्रवान चढ़ाया, इस लिए इस्लाम के बड़े बड़े दुश्मन भी जब इस्लाम क़बूल किए तो उन्हों ने अपनी माज़ी की ग़ैर इस्लामी ज़िंदगी पर अफ़सोस का ज़ाहिर किया।

इक़बाल अहमद अनजीनर सैंटर फ़ार पीस ऐंड ट्रू मिसेज के हफ़तावारी इजतिमाइस्लाम अमन का पैग़ाम पर बात करते हुए कहा कि आज इस्लाम से ख़ौफ़ का जो ढंडोरा पीटा जाता है इस के पीछे दरअसल इन सारे इक़तिदारों को अपने मुस्तक़बिल की फ़िक्र ही।इन के लिए क़ुरआन का यही पैग़ाम है कि अल्लाह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है और वो बेहतर इंसाफ़ करने वाला है।

डाक्टर सय्यद अबदुर्रशीद ने अल्लाह के सिफ़ात रहमान औररहीम को समझाया और इमतियाज़ हुसैन ने रब की सिफ़त बताई और आलमीन की तशरीह-ओ-तफ़सीर की।