ईरान पर प्रतिबंध लगाकर तकनीकी विकास को को डैमेज करना चाहते हैं!

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने आत्मनिर्भरता के मार्ग में प्रयास को साम्राज्यवादियों और बड़ी शक्तियों से संघर्ष में व्यवहारिक क़दम क़रार दिया और कहा कि ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों का लक्ष्य, तकनीकी विकास में पीछे रखना है।

उन्होंने शनिवार को तेहरान में ईरान की नाॅलेज बेस्ड कंपनियों के प्रबंधकों से मुलाक़ात में कहा कि ईरान की नाॅलेज बेस्ड कंपनियों को प्रतिबंधों को तकनीकी विकास के लिए अवसरों के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादियों से संघर्ष, केवल नारे से सिद्ध नहीं हो सकता बल्कि व्यवहार में इसको सिद्ध करना चाहिए और यदि देश की नाॅलेज बेस्ड कंपनियां, पश्चिम और विदेश के प्रति आवश्यकताओं को समाप्त कर दे और देश को आत्मनिर्भर बना दें, यह वही बड़ी शक्तियों से संघर्ष है।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि वैज्ञानिक विकास और प्रगति की कोई सीमा नहीं है और अमरीका जैसे देश सभी चीज़ों के लिए दीवार बना लें तब भी सफल नहीं होंगे।

दूसरी ओर ईरान के उपचार और चिकित्सा उपकरण निर्यात करने वाली यूनियन के प्रमुख ने कहा कि ईरान दुनिया के 40 देशों को चिकित्सा संसाधन और उपकरण निर्यात कर रहा है।

श्री मुहम्मद रज़ा कुम्पानी ने शनिवार को स्वास्थ्य प्रदर्शनी के अवसर पर कहा कि पिछले साल ईरान ने 2 करोड़ 40 लाख डाॅलर के 680 टन चिकित्या और स्वास्थ्य उपकरण निर्यात किए हैं। उनका कहना था कि जिन देशों को ईरानी चिकित्सा संसाधन और उपकरण निर्यात किए गये उनमें जर्मनी और इटली तथा पश्चिमी यूरोप के विभिन्न देश भी शामिल हैं।

श्री मुहम्मद रज़ा कुम्पानी ने कहा कि विभिन्न देशों से ईरानी चिकित्सा और उपकरणों की ख़रीदारी के लिए मांगें निरंतर प्राप्त हो रही हैं और इन देशों के डिमांड के अनुसार पैदावार के साथ इन देशों कों ईरान के चिकित्सा संसाधन और उपकरण तथा दवाएं सप्लाई की जाएंगी।