सांसद ई अहमद के परिजनों को उनसे मिलने के लिए करना पड़ा था विरोध प्रदर्शन

राजनीतिक दिग्गज और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अध्यक्ष ई अहमद की मौत और इसके बाद सरकार के रवय्ये से एक से अधिक विवाद उत्पन्न हो गए हैं।

संसद के सत्र के दौरान सांसद की मौत के बावजूद, सदन स्थगित न कर बजट पेश करने के लिए सरकार की आलोचना हो रही है। विपक्ष की सभी पार्टियों और एनडीए के घटक दल जैसे शिवसेना ने भी सदन को स्थगित करने की मांग की थी।

इसके अलावा सांसद ई अहमद के परिजनों को भी बहुत परेशानियों से गुज़ारना पड़ा। उन्हें आरएमएल अस्पताल में आखरी समय में सांसद से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी।

दोपहर में आरएमएल अस्पताल के ट्रामा सेण्टर में सिर्फ कुछ ही लोगों को जाने की अनुमति दी गयी थी, जिनमें से एक थे भाजपा नेता और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेन्द्र सिंह। उनके बाद किसी भी व्यक्ति को सांसद से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी।

अस्पताल में परिजनों को न सांसद की सही स्तिथि से अवगत कराया गया और न ही इलाज की किसी प्रक्रिया के बारे में बताया गया। जिसके बाद सांसद के परिजनों और रिश्तेदारों ने शाम में अस्पताल में प्रदर्शन भी किया।

रात में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, उपाध्यक्ष राहुल गाँधी, गुलाम नबी आज़ाद, अहमद पटेल और अन्य नेता अस्पताल पहुंचे, और अस्पताल प्रशासन से परिजनों को सांसद से मिलने देने के लिए कहा। लेकिन फिर भी परिजनों को मिलने की अनुमति नहीं मिली।

परिजनों को रात में 2:30 के करीब मिलने की अनुमति दी गयी। जिसके कुछ देर बाद सांसद को मृत घोषित कर दिया गया।

सांसद की बेटी ने कहा, “अस्पताल प्रशासन का बर्ताव बेहद बुरा था। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।”

“ऐसा लगता है कि मोदी सरकार सांसद ई अहमद की मृत्यु का खुलासा एक दिन बाद करना चाहती थी, जिससे की बजट सत्र बिना किसी परेशानी के गुज़र सके,” आईयूएमएल के एक नेता ने केरल मीडिया को कहा।