उच्चतम संधिशोथ हृदय रोग के 5 देशों की सूची में भारत

नई दिल्ली: एक अध्ययन मुताबिक  2015 में  विश्व स्तर पर 73% संधिशोथ हृदय रोग से  मृत्यु हुई जिसमें  पांच देशों की सूची भारत , इंडोनेशिया, डॉ कांगो, चीन और पाकिस्तान शामिल है।

भारत में 1,19,100 लोगों की मृत्यु संधिशोथ हृदय रोग से हुई जबकि अन्य चार देश इंडोनेशिया में 1.18 मिलियन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 8,05,000, चीन में 72,600 और पाकिस्तान में 18, 9 00 थे।

हृदय रोग क्षतिग्रस्त हृदय वाल्वों की जीवाणु संक्रमण से उत्पन्न होती है जिससे बुखार होता है।

वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर ग्रेगरी ए रोथ ने कहा, “गठिया और बुखार की वजह से हृदय रोग की दृढ़ता से सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।”

इसके अलावा, अध्ययन से पता चलता है कि 1990 के बाद से, इन क्षेत्रों में मृत्यु दर में कोई खाश गिरावट नहीं आई है, हालांकि पिछले 25 सालों में इस बीमारी से मृत्यु का जोखिम दुनिया भर में गिरा है।  जिसमें 1990 के बाद से दुनिया के सबसे गरीब देशों में से कुछ देश शामिल हैं,

इसके अलावा, इन देशों में लगभग 1% स्कूली उम्र के बच्चों को हृदय रोग ग्रसित होने का प्रमाण मिला है।

वाशिंगटन स्कूल विश्वविद्यालय से डेविड वॉटकिंस ने कहा, संधिशोथ संबंधी हृदय रोग से बीमार होने से कुछ मामलों में रोका जा सकता है।

हृदय रोग अब भारत में किसी तरह के रोगों से होने वाली मृत्यु दर का प्रमुख कारण है। 2015 में रोगों से हुई मृत्यु में एक-चौथाई मौतों का कारण हृदय रोग है। ग्लोबल बोर्ड ऑफ डिजीज (जी.बी.डी.) 2015 के अध्ययन के मुताबिक देश में हृदय रोग के कारण मौत की दर 1,00,000 आबादी में 272 थी। आंकड़े बताते हैं कि भारत में हृदय संबंधी बीमारियां अत्यधिक बढ़ती जा रही हैं।

3 करोड़ लोगों की होती है हर साल मौत
भारत में दिल के रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, मौजूदा समय में 3 करोड़ लोगों की उक्त बीमारी से मौत हो जाती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य को भूल गए हैं। गलत रहन-सहन व खानपान की वजह से बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डाक्टर्स की मानें तो इतनी बड़ी संख्या में बीमारी होने के बावजूद केवल 2 फीसदी लोग ही अपना इलाज करवा पा रहे हैं, जिसकी मुख्य वजह भारत में दिल की बीमारियों का इलाज बहुत महंगा होना है लेकिन जरा-सी सावधानी बरतकर 90 फीसदी लोग इससे बच सकते हैं। इसके लिए थोड़ी-सी कसरत और हैल्दी खानपान ही काफी है। अगर वक्त रहते स्टेंट्स, दवाइयों का प्रयोग भी किया जाए तो काफी हद तक दिल की बीमारियों से बचा सकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा की राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली उन देशों में रोकथाम और प्रारंभिक उपचार में मदद कर सकती हैं जहां गठिया रोग की वजह से हृदय रोग से ग्रसित है।

गठिया के बुखार के कुछ लक्षण

गले में खराश
सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ गले में खराश
सफेद पैच के साथ लाल और सूजन टॉन्सिल
मुंह की छत पर लाल धब्बे
सिरदर्द
मतली
उल्टी आदि