उत्तराखंड में भी एंटी रोमियो दस्ते की स्थापना की मांग उठी

तेजी से प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनते जा रहे पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में विरोधी रोमियो दस्तों की स्थापना की मांग उठ रही है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने यह मांग रखी है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं अमित शाह और योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में प्रचार करते हुए किए गए प्रमुख वादे में से एक ‘एंटी रोमियो दस्ते का गठन था। उत्तर प्रदेश में इसका गठन हो गया है और अब उत्तराखंड में भी शुरू होना चाहिए।

 

 

 

बजरंग दल के देहरादून के समन्वयक विकास वर्मा ने कहा कई युवा लड़कियों को स्कूलों और कॉलेजों के बाहर परेशान करते है लेकिन वो कुछ कह नहीं पाती हैं। हम जल्द इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह से मिलेंगे। बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा है। पिछले साल उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ 2,042 से ज्यादा मामलों के अपराध दर्ज किए गए थे।

 

 

 

अखिल भारतीय विद्यालय परिषद (एबीवीपी) ने भी पड़ोसी राज्य की तर्ज पर उत्तराखंड में एंटी रोमियो दस्तों की मांग की है। एबीवीपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा है जो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा पर चलती है। एबीवीपी के राज्य सदस्य अंशुल चावला ने कहा कि वे दस्ते यूपी में अच्छा काम कर रहे हैं।

 

 

 

भाजपा प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि पार्टी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है। महिला सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और हमारी सरकार उचित फैसला लेना चाहती है। विपक्षी कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि हम चाहते हैं कि मौजूदा पुलिस व्यवस्था को राज्य के माहौल को खराब करने की बजाए मजबूत बनाया जाए।

 

 

वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई करने वाले अकंका नेगी ने कहा कि ऐसी इकाइयों को बनाने के बजाय बेहतर होगा यदि सरकार लड़कियों को सशक्त बनाने और लड़कों को संवेदित करने पर ध्यान केंद्रित करे। यूपी में दलितों ने कथित तौर मोरल पुलिस के मामलों की आलोचना की है जिसने युवाओं को निशाना बनाया है।