उर्दू अकेडमी और हज कमेटी स्कीमात पर कामयाबी के साथ अमल आवरी

अक़लीयती इदारों की कारकर्दगी के बारे में अगर्चे अक़लीयतों में बिलउमूम मायूसी पाई जाती है लेकिन सिर्फ़ दो अक़लीयती इदारों ने जारीया साल अपने मुक़र्ररा निशाना की तकमील करते हुए बेहतर कारकर्दगी का सबूत दिया है। उर्दू अकेडमी और हज कमेटी ने ना सिर्फ़ अपनी स्कीमात पर मुकम्मल अमल आवरी को यक़ीनी बनाया बल्कि अलॉट कर्दा बजट को भी ख़ातिर ख़्वाह तौर पर ख़र्च किया है।

हुकूमत ने अक़लीयती बहबूद के लिए जारीया साल 1030 करोड़ रुपये का बजट मुख़तस किया लेकिन मालीयाती साल के बाक़ी तीन माह में निस्फ़ बजट का ख़र्च भी मुम्किन नज़र नहीं आता। स्कीमात पर अमल आवरी और बजट के ख़र्च की सुस्त रफ़्तार के बावजूद उर्दू अकेडमी ने अपनी 21 स्कीमात में 14 पर अमल आवरी मुकम्मल करली जबकि बाक़ी स्कीमात पर अमल आवरी जारी है।

ये वो स्कीमात हैं जिन पर मालीयाती साल के इख़तेताम तक अमल आवरी का सिलसिला जारी रहता है। 4 स्कीमात ऐसी हैं जिन पर अमल आवरी नए साल के आग़ाज़ पर की जाएगी। जिन में किताबों पर अवार्ड, उर्दू मेनू स्क्रिप्ट की इशाअत के लिए माली इमदाद, उर्दू स्कूलों के लिए इन्रा सस्ट्रक्चर की फ़राहमी की इमदाद के इलावा कारनामा हयात अवार्ड शामिल हैं।

डायरेक्टर सेक्रेट्री उर्दू अकेडमी और स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि जिन 14 स्कीमात पर अमल आवरी मुकम्मल करली गई, उन में मौलाना अबूल कलाम आज़ाद क़ौमी अवार्ड, बेस्ट उर्दू टीचर अवार्ड, बेस्ट उर्दू स्टूडैंट्स अवार्ड, उर्दू लाइब्रेरीज़ को माली इमदाद, उर्दू न्यूज़ एजेंसीज़, उर्दू अदीबों, सहाफ़ीयों और उर्दू किताबों को माली इमदाद, उर्दू के माहनामा और हफ़्तावार जर्नल्स की इमदाद, छोटे उर्दू अख़बारात और उर्दू की रज़ाकाराना तन्ज़ीमों को ग्रांट की मंज़ूरी शामिल है।

हुकूमत ने हज कमेटी के लिए दो करोड़ रुपये बजट मुख़तस किया जिस में पहले मरहला में 55 लाख 14 हज़ार रुपये जारी किए गए जबकि दूसरे मरहला में 82 लाख 86 हज़ार रुपये जारी किए गए। हज कमेटी को मज़ीद 62 लाख रुपये की इजराई बाक़ी है। हुकूमत ने हज इंतेज़ामात के सिलसिले में दो करोड़ का बजट एक ही वक़्त में जारी करने का त्यक़्कुन दिया था लेकिन इस पर अमल आवरी नहीं की जा सकी।