उर्दू शायर कृष्णा स्वामी सिकंदराबादी आलमी क़ाइदीन से रवाबित में सब से आगे

हमारे शहर हैदराबाद में कई ऐसी शख्सियतें हैं जिन की ग़ैर मामूली सलाहीयतों के बाइस ना सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि दुनिया भर में उन्हें क़दर की निगाह से देखा जाता है।हैदराबादीयों की सब से अहम ख़ूबी ये हैकि उन्हें मुहब्बत की ज़बान उर्दू (मीठी बोली) ने एक डोर में बांध रखा है।

मोतीयों के शहर के गंगा जमनी तहज़ीब के माले में पिरोए गए मोतीयों में कृष्णा स्वामी सिकंदराबादी भी शामिल हैं जो कोई आम आदमी नहीं अगर्चे हिंदुस्तानी अरकाने पार्लीयामेंट उन से वाक़िफ़ नहीं लेकिन अमरीकी सिनेट के अरकान और कनाडा के क़ानूनसाज़ इस हैदराबादी इन्जीनियर, आर्कीटेक्ट और अंग्रेज़ी और उर्दू के शायर से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं।

पुराना शहर के मशहूर और मारूफ़ मुफ़ीदुल अनाम उर्दू हाई स्कूल से स्कूली तालीम उस्मानिया यूनीवर्सिटी से डिप्लोमा इन सिविल इंजीनीयरिंग और पी आर्च के इलावा ए आई आई ए और MCA की आला डिग्रियां हासिल करने वाले 84 साला कृष्णा स्वामी सिकंदराबादी दुनिया भर में सरब्रहाने ममलकत, अमरीकी सदूर, वुज़राए आज़म और सिफ़ारतकारों से क़लमी दोस्ती वो मरासलत के इलावा मंजूम ख़िराजे तहसीन और ख़िराजे अक़ीदत पेश करने के लिए भी शोहरत रखते हैं।

उन्हों ने अमरीका और कनाडा की दस्तूरी क़रारदाद को ताँबे की लौह पर कुंदा करने का कारनामा अंजाम दिया है और उन के उन कारनामों पर वहां के क़ानून साज़ों को हैरत है। हैदराबादी तहज़ीब में रंगे हुए कृष्णा स्वामी सिकंदराबादी (सिकंदराबादी इन का तख़ल्लुस है) ने एक मुलाक़ात में बताया कि उन के वालिद हुज़ूर निज़ाम के दौर में वज़ीर मालिया के बावक़ार ओहदा पर फ़ाइज़ रहे।

राजा धूम करण के पास मुलाज़मत किया करते थे। तालीम के बाद म्यूनसिंपल कारपोरेशन हैदराबाद में सेक्शन ऑफीसर की हैसियत से उन का तक़र्रुर हो गया। बादअज़ां सी पी डब्ल्यू डी दिल्ली में चीफ़ प्लानिंग ऑफीसर की हैसियत से उन का तक़र्रुर अमल में आया लेकिन मुलाज़मत को ख़ैरबाद कहते हुए वो हैदराबाद वापिस हो गए और आर्कीटेक्ट की हैसियत से काम शुरू कर दिया।

कृष्णा स्वामी सिकंदराबाद को हमारे मुल्क के दूसरे सदर जम्हूरीया सर्वे पली राधा कृष्णा, फ़ख़्रउद्दीन अली अहमद, नीलम संजीवा रेड्डी, ग्यानी जे़ल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, के आर नारायण, डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम से ना सिर्फ़ मुलाक़ात का शरफ़ हासिल है बल्कि उन्हें इन शख़्सियतों को मंजूम ख़राज पेश करने का एज़ाज़ भी हासिल है।

एक मर्तबा साबिक़ सदर जम्हूरीया ग्यानी जे़ल सिंह से मुलाक़ात के दौरान उन्हों ने कृष्णा स्वामी से दरयाफ़्त किया कि आप इतनी अच्छी उर्दू कैसे जानते हैं और उर्दू में शायरी भी कर लेते हैं।

इस सवाल पर कृष्णा स्वामी ने जो जवाब दिया उर्दू और हैदराबादी तहज़ीब से उन की मुहब्बत और अटूट वाबस्तगी का इज़हार होता है। कृष्णा स्वामी के ख़्याल में वो दुनिया का सफ़र कर चुके हैं लेकिन हैदराबादी तहज़ीब यहां के लोगों की मुहब्बत, मुरव्वत, मेहमान नवाज़ी, इंसानियत दोस्ती, जज़्बा हमदर्दी उन्हों ने कहीं नहीं देखा। इसी लिए वो जहां भी जाते हैं यही कहते हैं कि हैदराबादी तहज़ीब का जवाब नहीं।————– mriyaz2002@yahoo.com