एक साल बाद भी फर्ज़ी मुठभेड़ की जाँच के लिए नहीं उठाए गया कोई महत्वपूर्ण क़दम

तेलंगाना सरकार ने नलगोंडा में वक़ारुद्दीन अहमद तहरीक TGI (गलबा –ए-इस्लाम) चार अन्य सदस्यों की हत्या के मामले में धीमी गति से चल रही जांच को शुरू करने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) को आदेश दिया है |
मृतक पांच मुस्लिम युवकों के परिवार के सदस्यों को अभी भी न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन इस मामले में न तो सरकार और न ही मुस्लिम नेतृत्व कोई दिलचस्पी दिखा रहा है |

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एसआईटी के छह सदस्यों टीएस पुलिस आधिकारी संदीप शांडिल्य के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए गये हैं जिसके बाद 2 मई को वक़ारुद्दीन के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किये गये हैं |

बहुत हैरानी की बात है कि अभी तक एसआईटी द्वारा अभी तक मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों का बयानदर्ज नही किया गया था |

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि इया मामले से जुड़े सारे सुबूत इकठ्ठा किये जा रहे हैं और जल्दी ही जाँच पूरी हो जाएगी |

वक़ार के परिवार वालों ने शुरू से मांग की है इस मामले की जाँच एसआईटी से न करवाकर सीबीआई से करवाई जाए |

गौरतलब है कि नलगोंडा जिले में 7 अप्रैल 2015 में पांच मुस्लिम क़ैदियों वक़ार अहमद, सैयद अमजद अली, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद हनीफ और अजहर खान को वारंगल जेल से हैदराबाद क्रिमनल कोर्ट ले जाते हुए कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी | जिस वक़्त इन युवकों को मारा गया उनके हाथों में हथकड़ियाँ डली हुईं थी | जबकि सशस्त्र सुरक्षित पुलिस दल द्वारा युवको की हत्या लिए बहाना बनाया गया कि युवक पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश कर रहे थे जिसकी वजह से उनकी हत्या की गयी |