एदिरने शहर सिर्फ़ मस्जिद के लिए ही नहीं बल्कि अब कारोबार का है बड़ा बाजार!

तुर्की का एदिरने शहर भले ही 16वीं सदी की सेलिमिये मस्जिद के लिए विख्यात हो, लेकिन इन दिनों यह बड़ा बाजार बना हुआ है जो ग्रीस और बुल्गारिया के खरीदारों से रोशन है।

ग्रीक और बुल्गारियाई लोग उत्तर पश्चिमी तुर्की के सीमावर्ती शहर एदिरने में खरीदारी करने बस, कार, मोटरबाइक या जो मिले उस पर सवार हो यहां पहुंच रहे हैं। बहुत से लोग तो पैदल ही चले आ रहे हैं। तुर्की की मुद्रा लीरा के भाव गिर गए हैं और ऐसे में इन विदेशी खरीदारों की जेब भारी हो गई है।

इन खरीदारों का मुख्य आकर्षण है उलुस पुजारी। 150 से ज्यादा दुकानों वाला एदिरने का यह बाजार लोगों के बीच यूनेस्को की विरासत सेलिमिये मस्जिद से कहीं ज्यादा चर्चा में है। इस बाजार से ग्रीस की सीमा करीब 7 किलोमीटर और बुल्गारिया की सीमा 17 किलोमीटर दूर है।

ये लोग यहां कपड़े, जूते, हैंडबैग, पर्स, परफ्यूम, घरेलू सामान, साफ सफाई की चीजें यहां तक कि फल, सब्जी और मछली भी खरीदने पहुंच जाते हैं। एक स्टोर में नाइकी, प्यूमा और एडीडास के ट्रैक सूट और जैकेटों का अंबार लगा है।

दुकान के मालिक ग्रीक संकेत के जरिये बताते हैं कि यह सब असली हैं। एक दूसरे दुकानदार के बाद लुई वितों, गूची और फेंडी के मोनोग्राम वाले हैंडबैग और पर्स हैं जो बिल्कुल असली की तरह दिखते हैं।

एदरिने से करीब 250 किलोमीटर दूर इस्तांबुल में बाजार संघ उपेक के चेयरमैन बुलेंट राइसोग्लू कहते हैं, “लोग पड़ोसी देशों से आ रही मांग के कारण खुश हैं।” ग्राहकों के लिए सुविधाजनक एदिरने ग्रीक और बुल्गारियाई ग्राहकों को हाथोंहाथ ले रहा है।

इस ऐतिहासिक शहर में की गलियों में पेस्ट्री की दुकान से लेकर उबले मक्के बेचने वाली रेहड़ी, डाकघर, बैंक और तमाम दूसरी जगहों पर ग्रीक और बुल्गारियाई राष्ट्रीय झंडे और दूसरे निशान दिखते हैं।

अगस्त में तुर्की की मुद्रा लीरा की कीमत काफी ज्यादा घट गई. एक समय तो यह यूरो के मुकाबले 7.9 और बुल्गारियाई लेव के मुकाबले 4 तक पहुंच गई। इस साल की शुरुआत से ही लीरा की कीमत गिरने लगी और डॉलर के मुकाबले 40 फीसदी तक नीचे आ गई।

इसके पीछे कुछ तो घरेलू अशांति है। इसके अलावा अमेरिका के साथ चल रही कारोबारी और दूसरे कई मुद्दों पर तनातनी की मुश्किलें और साथ ही केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को लेकर निवेशकों की चिंता भी इन सबके पीछे है।

लीरा की कीमत धीरे धीरे वापस लौट रही है लेकिन सीमा पार से आने वाले खरीदार अब भी बाजार में डटे हुए हैं। इससे उत्साहित दुकानदार अब सामान की सूची ग्रीक और बुल्गारियाई भाषा में बनाने लगे हैं। राइसोग्लू कहते हैं, “ग्रीक और बुल्गारियाई कम कीमतों के कारण दूसरों से ज्यादा खर्च करते हैं। ऐसे में सबका फायदा होता है।

गर्मियों की तुलना में अब यहां आने वालों की तादाद दोगुनी हो गई है और शुक्रवार को आने वाले खरीदार सप्ताह के आखिरी दिनों में यहीं रुक भी जाते हैं।

इससे होटल और रेस्तरां का कारोबार भी तेज हो गया है। बाजार संघ उपेक ने दुकानदारों और सेल्समैनों के बीच मिनी डिक्शनरी बांटी है ताकि वो ग्राहकों की बात समझ सकें।

एदरिने के चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड कॉमर्स के प्रमुख रेचेप जिपकिनकुर्त समेत 100 से ज्यादा दुकानदार, सरकारी कर्मचारी जैसे कि सीमा पुलिस और बैंक कर्मचारी ग्रीक और बुल्गारियाई भाषा भी सीख रहे हैं।

बुल्गारिया की एलेना हर शुक्रवार बस से एदरिने आती हैं। उन्होंने बताया, “मैं हर हफ्ते फल सब्जियां खरीदती हूं और कुछ महीनों पर अपनी दुकान के लिए कपड़े और अंत:वस्त्र खरीदती हूं। मैं लेव में भुगतान कर सकती हूं जो मेरे लिए बहुत अच्छा है।

बाजार में हादी तेकिन की मसखरी भी खूब चलती है। रंग बिरंगे कपड़ों में सजे हादी भीड़ में कभी ग्रीक तो कभी बुल्गारियाई भाषा में लोगों का अभिवादन करते हैं। 62 साल के हादी यहां के मिकी माउस हैं।

हर शुक्रवार इस्तांबुल से एदरिने सामान लेकर आते हैं। बीती गर्मियों के बाद इनका कारोबार दोगुना हो गया है और कई मोर्चों पर हालात से जूझ रहे तुर्की में इस कारोबार से बहुत से लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’