एनएचएआई ने अपनी पहली टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजना बंद की

भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपनी पहली टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टी-ओ-टी) परियोजना को वित्‍तीय रूप से बंद कर दिया है। आज नई दिल्‍ली में मैक्‍वेरी के भारत प्रमुख ने सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी को 9,681.5 करोड़ रुपये का चेक सौंपा।

भारत में किसी सरकार द्वारा पहली बार परिसम्‍पत्ति पुनरार्वतन पहल को बंद किया गया है। एनएचएआई ने गुजरात, राजस्‍थान, पश्चिम बंगाल तथा बिहार में 586.55 किलोमीटर के लिए टी-ओ-टी के दूसरे बंडल के लिए निविदाएं मांगी है।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि सरकार ने 2014 से राजमार्ग क्षेत्र में निवेश लगभग चौगुना बढ़ाने के लिए अनेक पहल की है। सरकार ने इस वर्ष देश में सड़कों तथा राजमार्गों के वि‍स्‍तार के लिए 71,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। महत्‍वाकांक्षी योजनाओं के धन पोषण आवश्‍यकताओं का प्रबंधन बाजार से उधार लेकर और निजी क्षेत्र के निवेशों के माध्‍यम से किया जा रहा है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि टी-ओ-टी के दूसरे बंडल की पेशकश की गई है और आने वाले महीनों में और अनेक बंडलों की पेशकश की जाएगी। उन्‍होंने निजी निवेशकों से इन बंडलों के लिए बोली लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि टी-ओ-टी जोखिम मुक्‍त मॉडल है। उन्‍होंने निवेशकों को अवसंरचना क्षेत्र के लिए और अधिक नवाचारी निवेश मॉडल लाने का आमंत्रण दिया।

श्री गड़करी ने निवेशकों का गुणात्‍मक सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि छूट ग्राहियों से सड़क सुरक्षा रखरखाव की गुणवत्‍ता और टोल संग्रह पद्धतियों में सुधार लाने और टोल प्‍लाजा में प्रतीक्षा समय में कमी लाने का आग्रह किया।

सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्‍य मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया ने सुशासन प्रदान करने के प्रति सरकार के संकल्‍प को बताया। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने अवसंरचना क्षेत्र के लिए बजटीय  समर्थन 1.5 लाख रुपये से लगभग 7 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उन्‍होंने सड़क क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी पर बल दिया।

सड़क परिवहन तथा राजमार्ग सचिव श्री युद्धवीर सिंह मलिक ने सड़क सुरक्षा और गुणवत्‍ता को प्राथमिकता देते हुए विदेशी निवेशकों से सड़क विकास और सुरक्षा में अंतर्राष्‍ट्रीय श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों को लाने का आह्वान किया।

आंध्र प्रदेश और गुजरात में 681 किलोमीटर सड़क की 9 परियोजनाओं के पहले बंडल का ठेका 2018 में दिया गया। इसमें विदेशी निवेशकों ने काफी अधिक दिलचस्‍पी दिखाई। टी-ओ-टी  बंडल-1 का ठेका 9,681 करोड़ रुपये में मैक्‍वेरी को दिया गया था, जोकि प्राधिकरण के अनुमान से 1.5 गुणा था।

586 किलोमीटर का दूसरा बंडल चार राज्‍यों – राजस्‍थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल तथा बिहार में हैं। इस पेशकश में चार राजमार्गों के 12 टोल प्‍लाजा हैं।