एमजे अकबर अपना बयान वापस लें और मुसलमानों से माफ़ी मांगें: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

कोलकाता। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कार्यकारिणी जमील मंजर ने मुस्लिम पर्सनल ला के संबंध में दिए गए विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के बयान की निंदा करते हुए दावा किया है कि भाजपा के नेताओं की मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने की पुरानी आदत रही है और इसमें वे भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने ने कहा कि वह मुसलमानों के धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश न करें और उनके लिए आवश्यक है कि वह तुरन्त अपने इस विवादास्पद और निंदनीय बयान को वापस लें और मुसलमानों से बिना शर्त माफी मांगे।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार जमील मंजर ने कहा है कि उन्होंने (एमजे अकबर ने) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संबंध में जो बयान दिया है उससे साफ पता चलता है कि कोलकाता बैठक की जबरदस्त सफलता ने भाजपा के खेमे में हलचल मचा दी है और उन्हें अपने पैरों तले जमीन फिसलती दिख रही है.

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की स्थापना उन्हीं जैसे कारकों से जूझने के लिए अस्तित्व में आया है और हम इस्लामी शरीयत में किसी की भी बेजा दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शायद एमजे अकबर को मालूम नहीं कि मुस्लिम महिलायें भी बोर्ड के साथ हैं और उनका पूरा समर्थन बोर्ड को प्राप्त है।

गौरतलब है कि एम जे अकबर ने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को पुरुषों बोर्ड करार देते हुए कहा था कि ” यह बोर्ड पुरुषों के एकाधिकार में तब्दील हो चुका है जिसका मकसद महिलाओं को दबाना है और उन्होंने इसके साथ ही साथ ट्रिपल तलाक़ पर भी अपनी ज़ुबान खोली और कहा कि 20 नवंबर को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कोलकाता बैठक में जहां लाखों लोग शरीक हुए थे वहीं बोर्ड ने ट्रिपल तलाक़ का समर्थन किया और यह भी कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत इस्लामी शरीयत में हस्तक्षेप की हिम्मत नहीं कर सकती है। एमजे अकबर ने कहा कि यह महिलाओं के साथ सरासर अन्याय है।