एस्प्रीन के रोज़ाना इस्तिमाल से बीनाई को ख़तरा

यमसटरडम । 5/ अक्टूबर (राईटर) अमराज़-ए-क़लब के लिए मुफ़ीद दवा एस्प्रीन आँखों केलिए बेहद नुक़्सानदेह साबित होसकती है। एक हालिया तहक़ीक़ के मुताबिक़ इस दवा के मुसलसल इस्तिमाल से आँखों की रोशनी तक जाने का अंदेशा है। यूरोप में किए गए एक जदीद तहक़ीक़ के मुताबिक़ एस्प्रीन लेने वालों में बढ़ती उम्र में सांस की नालीयों में दबाव पैदा होने का ख़तरा, उसे इस्तिमाल ना करने वालों के मुक़ाबले में दोगुना तक बढ़ जाता है। साथ ही आँखों की बीनाई जाने का भी ख़तरा काफ़ी ज़्यादा होता है। नीदरलैंड के इंस्टीटियूट फ़ार न्यूरोसाइंस के तहक़ीक़ कार पालिस डी ज़ोनग की रहनुमाई में हुए इस तहक़ीक़ में नार्वे एस्टोनिया बर्तानिया, फ़्रांस, इटली और स्पेन के तक़रीबन 4700 अफ़राद को शामिल किया गया। इस तहक़ीक़ में शामिल अफ़राद की उम्र 65 साल से ज़्यादा थी। स्टडी के मुताबिक़ रोज़ाना एस्प्रीन लेने वाले 839 अफ़राद में से 36 अफ़राद को आँखों से मुताल्लिक़ बीमारी वैस्ट मसकोलर डी जनरेशन से मुतास्सिर पाया गया। आँखों की ख़ून की नालीयों मैं रसाॶ होने से ये बीमारी होती है। इस की वजह से आँखों की रोशनी रफ़्ता रफ़्ता कम होने लगती है। बीमारी की ये सतह आँखों के लिए हलाकत ख़ेज़ होती है।