औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ में सियासी मुदाख़िलत अहम रुकावट

स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड शेख मुहम्मद इक़बाल आई पी एस ने एतेराफ़ किया कि औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में सियासी मुदाख़िलत भी अहम रुकावट साबित होरही है।

अगर अवामी नुमाइंदे औकाफ़ी मुआमलात में हुक्काम पर अपने असर का इस्तेमाल ना करें तो रियासत में गैर मजाज़ क़ब्ज़ों का तदारुक मुम्किन है।

अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत के दौरान शेख मुहम्मद इक़बाल ने अवामी नुमाइंदों को भी मश्वरह दिया कि वो औकाफ़ी मुआमलात में वक़्फ़ बोर्ड यह फिर ज़िला हुक्काम की कार्रवाई में मुदाख़िलत ना करें।

उन्होंने कहा कि ज़िला कलक्टरस से इस बात की ख़ाहिश की जाएगी कि वो ज़िला के अवामी नुमाइंदों के साथ मीटिंग मुनाक़िद करते हुए औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ में तआवुन की अपील करें।

उन्होंने कहा कि अगर सियासी क़ाइदीन-ओ-अवामी नुमाइंदे तए करलीं कि औकाफ़ी उमूर में मुदाख़िलत नहीं करेंगे तो वक़्फ़ बोर्ड नाजायज़ क़ब्ज़ों की बर्ख़ास्तगी में बड़ी हद तक कामयाब होगा। उन्होंने बहैसियत स्पेशल ऑफीसर किसी भी सियासी दबा को क़बूल करने से इनकार करते हुए कहा कि वो पुलिस ऑफीसर हैं और किसी भी सूरते हाल का सामना करने तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आम मुसलमानों में भी औकाफ़ी जायदादों के बारे में शऊर बेदार करने की ज़रूरत है। औकाफ़ी जायदादें दरअसल अल्लाह की अमानत हैं और तमाम मुसलमान इस के मुहाफ़िज़ हैं। बरख़िलाफ़ इस के अगर ख़ुद मुसलमान ही औकाफ़ी जायदादों पर क़बज़ा करलीं तो फिर अल्लाह के हुज़ूर क्या जवाब देंगे।

उन्होंने बताया कि सियासी-ओ-समाजी तनज़ीमों को मुसलमानों में शऊर बेदारी के सिलसिले में आगे आना चाहीए । अगर कोई मुसलमान औकाफ़ी जायदाद पर क़बज़ा देखे तो उसे चाहीए कि ख़ुद बढ़ कर रोकने की कोशिश करे।

उन्होंने बताया कि अकलियती बहबूद से मुताल्लिक़ तमाम स्कीमात की तफ़सीलात और उनके फ़वाइद से अवाम को वाक़िफ़ कराने के लिये एक अलहदा वेब साईट शुरू की जा रही है।

वेब साईट के आग़ाज़ के तीन दिन में उन्हें तीन शिकायात वसूल होचुकी हैं। अवाम बराह-ए-रास्त वेब साईट पर अपनी शिकायात दर्ज करा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कुल हिंद सनअती नुमाइश में 4 जनवरी को उर्दू एकेडेमी के स्टाल का आग़ाज़ होगा जिस में तमाम अकलियती इदारों की स्कीमात से मुताल्लिक़ मवाद मौजूद रहेगा।