औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और तरक़्क़ी पर मुसलमानों की ग़ुर्बत का ख़ातमा

स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड जनाब शेख़ मुहम्मद इक़बाल (आई पी एस ) ने कहा कि अगर हुकूमतें औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और तरक़्क़ी के सिलसिले में दिलचस्पी का मुज़ाहरा करें तो मुसलमानों की ग़ुर्बत का ख़ातमा और तालीमी और मआशी तरक़्क़ी को यक़ीनी बनाया जा सकता है। उन्हों ने रियासत में औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में तमाम अज़ला के वक़्फ़ इन्सपेक्टर्स और दीगर ओहदेदारों का इजलास मुनाक़िद किया।

गुज़िश्ता दो दिन मुतवातिर इजलास जारी रहे जिस में ज़िला वारी सतह पर औकाफ़ी जायदादों और उन के मौजूदा मौक़िफ़ का जायज़ा लिया गया। जनाब शेख़ मुहम्मद इक़बाल ने बाद में अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए उम्मीद ज़ाहिर की कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की नई हुकूमतें औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और उन की तरक़्क़ी पर ख़ुसूसी तवज्जा मर्कूज़ करेंगी।

उन्हों ने तजवीज़ पेश की कि अगर हुकूमत औकाफ़ी जायदादों की तरक़्क़ी के लिए कम अज़ कम पाँच बरसों तक वक़्फ़ बोर्ड में सरमाया कारी करे तो ना सिर्फ़ वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा होगा बल्कि अक़लीयती बहबूद के लिए हुकूमत को अलाहिदा बजट मुख़तस करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। उन्हों ने कहा कि हुकूमत को औकाफ़ी उमूर् के सिलसिला में संजीदगी का मुज़ाहरा करना चाहीए और वक़्फ़ बोर्ड की शफ़्फ़ाफ़ कारकर्दगी को यक़ीनी बनाने के लिए बेहतर मेकानिज़म तशकील दिया जाए।

उन्हों ने यक़ीन ज़ाहिर किया कि मनीकोंडा में वाक़े दरगाह हज़रत हुसैन शाह वली की वक़्फ़ अराज़ी से मुताल्लिक़ सुप्रीम कोर्ट में जारी मुक़द्दमा में वक़्फ़ बोर्ड को कामयाबी हासिल होगी। उन्हों ने हुकूमत को मश्वरा दिया कि वो औकाफ़ी आराज़ीयात के मसअले पर बोर्ड के ख़िलाफ़ अदालत से रुजू ना हो क्योंकि इस से औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ का बुनियादी मक़सद फ़ौत हो जाएगा।