औरंगाबाद नक्सल हमले में खुलासा: नोटबंदी के बाद भाजपा MLC को बदलने के लिए दिए थे 5 करोड़ रुपए, नहीं वापिस किया तो कर दिया हमला

बिहार के औरंगाबाद में हुए नक्सली हमले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि एक भाजपा एमएलसी ने उनके पांच करोड़ रुपए नहीं लौटाए तो उन्होंने हमला कर दिया. नक्सलियों का कहना है कि वे काफी समय से रकम लौटाने में आनाकानी कर रहे थे, इसलिए उन्होंने उनके घर पर धावा बोल दिया, जिसमें करीब आधा दर्जन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. हमले में राजन सिंह के चाचा को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

पुलिस के मुताबिक घटना स्थल पर नक्सली एक पर्चा छोड़कर गए थे, जिसमें लिखा था कि नोटबंदी के दौरान बिहार विधान परिषद में भाजपा के सदस्य राजन कुमार सिंह को पांच करोड़ रुपए बदलने के लिए दिए थे. सिंह ने वह रुपए अभी तक नहीं लौटाए. इसके अलावा पर्चे में लिखा था कि लेवी के रूप में अलग से 2 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी, जो सिंह के पास ही थे, वो पैसे भी नहीं लौटाए.

हालांकि, इस पर्चे के सामने आने के बाद सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नक्सली मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगे हैं. उन्होंने साथ ही बताया कि नक्सली हमले की आशंका को लेकर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के पुलिस महानिदेशक से भी सुरक्षा की गुहार लगा लगा चुके हैं. इसके अलावा सिंह ने कहा कि अगर वो नक्सली समर्थक होते तो उनकी पहले भी गाड़ियां जलाई गई हैं, वो नहीं होता.

हमले के बाद वहां जो पर्चा छोड़ा गया था साथ ही उसमें राजन सिंह की चल और अचल सम्पत्ति को ध्वस्त करने का ऐलान किया गया. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि हमारी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और संघ के आम कार्यकर्ताओं और उनके परिवार से नहीं है.

बता दें, शनिवार देर रात बिहार के औरंगाबाद जिले के देव में नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस हमले के दौरान नक्सलियों ने BJP के विधान पार्षद राजेंद्र कुमार सिंह के चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी और करीब छह गाड़िओं को आग के हवाले कर दिया थी. इस घटना में एक सामुदायिक भवन को भी विस्फोट से उड़ा दिया गया था. इतना ही नहीं, नक्लियों ने करीब 100 से ज्यादा राउंड फायरिंग भी की थी.

ने जमकर उत्पात मचाया और एक-एक कर छह गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान नक्सलियों ने जमकर फायरिंग की और उसके बाद एक वृद्ध की गोलीमार कर हत्या कर दी थी. नक्सलियों के तांडव की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ और पुलिस घेराबंदी में जुट गई थी. पीछा करने के दौरान नक्सलियों और पुलिस के बीच गोलीबारी भी हुई थी.