कनाडा दुनिया का पहला देश, जिसने रोहिंग्या नरसंहारों के लिए ‘आंग सान सू ची’ को सबक सिखाया!

कनाडा ने म्यांमार की नेता आंग सान सू ची को गयी मानद नागरिकता को वापस लेने संबंधी प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। म्यामांर में जारी रोहिंग्या संकट की पृष्ठभूमि में कनाडा की ओर से यह क़दम उठाया गया है।

न्यूज़-18 के अनुसार कनाडा के विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के प्रवक्ता एडम ऑस्टिन ने गुरुवार को कहा था कि सन 2007 में हाउस ऑफ कॉमन्स ने आंग सान सू ची को कनाडा की मानद नागरिकता दी थी। उन्होंने कहा कि आज सदन ने सर्वसम्मति से यह नागरिकता वापस लेने के प्रस्ताव पर मतदान किया है।

रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ म्यामांर की सेना के अत्याचारों पर चुप्पी साधने से सू ची की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर काफी खराब होती जा रही है।

ऑस्टिन ने सू ची की ओर से रोहिंग्या नरसंहर की निंदा करने से इनकार को कनाडाई सम्मान वापस लेने की वजह बताया। कनाडा ने गत सप्ताह रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचारों को नरसंहार क़रार दिया था। ज्ञात रहे कि म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार पर मौन के कारण म्यांमार की नेता आंग सान सूचि की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना होती रही है।

उल्लेखनीय है कि म्यामांर के रखाइन प्रांत में इस देश की सेना के बर्बर अभियान के कारण लगभग दस लाख रोहिंग्या मुस्लिमों को अपनी जान बचाकर पड़ोसी देश बांग्लादेश भागना पड़ा जहां वे बड़ी ही दयनीय स्थिति में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।