कमसिन लड़की से शादी की कोशिश ओमानी शहरी गिरफ़्तार , ख़ातून दलाल फ़रार

हैदराबाद 04 अगसत:मुसलमानों की ग़ुर्बत का अंदाज़ा लगाने के लिए एक एसा दिल दहला देने वाला वाक़िया पेश आया जहां वालिदैन ने अपनी 17 साला लड़की को शादी के नाम पर मुबय्यना तौर पर फ़रोख़त कर दिया ?। ये हैरतअंगेज़ इन्किशाफ़ कल रात पुराने शहर में पुलिस की कार्रवाई के बाद मंज़र-ए-आम पर आया जहां 17 साला नाबालिग़ लड़की को एक वालिदैन की रजामंदी से अरब शहरी से निकाह करवाया जा रहा था।

ताहम एन वक़्त पुलिस ने इस कोशिश को नाकाम बनादिया। पुराने शहर में पुलिस की इस कार्रवाई ने मिली और समाजी तंज़ीमों के अलावा मुसलमानों की बहबूदी और तरक़्क़ी के दावे करने वालों के लिए एक सवाल बन गया है। सलतनत उम्मान का एक 37 साला शहरी उस लड़की से शादी करना चाहता था।

एक दलाल औरत ने इस ख़लीजी बाशिंदे को नाबालिग़ लड़की से निकाह करवाने की मुकम्मिल तैयारीयां करली थी जो एन वक़्त फ़रार होगई। पुलिस रैनबाज़ार इस ख़ातून दलाल को शिद्दत से तलाश कररही है। नाबालिग़ लड़की की वालिदा जो मुतल्लक़ा बताई गई है बतौर घरेलू मुलाज़िमा का काम करते हुए तीन बच्चों को पालती थी और घर के अख़राजात वो ख़ुद बर्दाश्त करती थी।

ये नाबालिग़ लड़की जिस को पुलिस ने आज़ाद करवा लिया इस ख़ातून की बड़ी बेटी थी। पुलिस ज़राए के मुताबिक़ एक दलाल औरत उस लड़की की वालिदा से रुजू हुई और बेटी के सुनहरे मुस्तक़बिल के ख़ाब दिखाए।

ग़ुर्बत लाचारी मजबूरी और हालात से समझौता करना मौजूदा हालात और ख़ुद वालिदा की ज़िंदगी की मिसाल देख कर इस दलाल औरत ने उन्हें अपनी बातों में ले लिया और अरब शेख़ से निकाह के लिए राज़ी भी करवा लिया। पुलिस रैनबाज़ार के मुताबिक़ इस ख़लीजी बाशिंदा ने लड़की के वालिदैन को 5 लाख रुपये की पेशकश की थी और वादा किया था कि वो मुल्क रवाना होने के बाद रक़म अदा करेगा।

और लड़की के वालिदा को 15 हज़ार दो माह के लिए मकान किराये पर हासिल करने इस के अलावा 30 हज़ार रुपये रस्म के अख़राजात के लिए फ़राहम किए थे। ओमानी शहरी 37 साला अलबलोशी बदर यूनुस सईद को पुलिस ने गिरफ़्तार करलिया। पुराने शहर में पेश आए इस वाक़िये पर एक मुस्लिम दानिश्वर का कहना हैके मुस्लमान ग़ुर्बत और पसमांदगी के सबब एसे हालात पेश आरहे हैं ताहम एसे हालात में मुसलमानों की फ़लाह की बात और दावे करने वाले हर उस फ़र्द को ग़ौर करना चाहीए कि अपने समाज में अपनी नाक के नीचे एसी हक़ीक़त पाई जाती है और तक़ारीर और इजलासों की हद तक अपने बयानात को महिदूद रखते हुए अमली मैदान में मुसलमानों को कोशिशों का आग़ाज़ करदेना चाहीए।

शहर में निकाह को आसान बनाने की अहादीस पर मुस्लिम दानिश्वरों ने अमली इक़दामात का आग़ाज़ कर दिया है और शादी में एक खाना और एक मीठे की मुहिम भी शुरू होगई है। ताहम एसे हालात में सारी क़ौम को इस मुहिम में शामिल होना चाहीए। अगर शादी में बेजा रसूमात जिस का तसव्वुर तक मुस्लिम मुआशरे में नहीं है।

17 साल तक पाल पोस कर मेहनत करने के बाद एक माँ अपनी बेटी को एसे शख़्स के हवाले करने तैयार है जिस को वो जानती तक नहीं । अपनी ज़िंदगी में बर्दाश्त कररही मुश्किलात और हालत से औलाद को बचाने और राहत फ़राहम करने के लिए मजबूर वालिदैन इंतेहाई इक़दाम उठाने तक पीछे नहीं हटते और हमारी तक़ारीब और शादी बियाह , ख़ानदान में बरतरी क़ायम रखने ख़ानदान , पड़ोसी और समाज में मसाबक़त बनाए रखने सियासी , मज़हबी और कारोबारी आक़ाओं को ख़ुश करने में हक़ीक़ी मालिक और आक़ा की नाराज़गी हासिल करने तक पीछे नहीं हटते जो निहायत ही अफ़सोस और शर्मनाक बात है ।