कश्मीर जैसी आजादी दुनिया के किसी भी इस्लामिक देश में नहीं: महबूबा मुफ़्ती

कश्मीर: जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में हो रही हिंसा पहले से ही सोची-समझी साजिश का हिस्सा है और यह सिर्फ कुछ मुट्ठी भर लोगों की साजिश का नतीजा है। एनकाउंटर को बहाना बनाकर कुछ लोगों ने हालात खराब किए गए हैं। जब बंदूक किसी समाज में जगह बना लेती है तो आजादी के मायने खत्म हो जाते हैं जबकि जो आजादी कश्मीर के लोगों को मिली हुई है है वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की और सीरिया जैसे इस्लामिक देशों में रहने वालों को नहीं है।

उन्होंने कहा कि ये देश आजाद हैं, लेकिन, वहां के लोगों की हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अच्छी नहीं है। उन्होंने केंद्र से कश्मीर में सभी पक्षों से बातचीत की अपील की है जिसमें कश्मीर में सरकार के गठन के बाद से ही कभी हंदवाड़ा तो कभी सैनिक कालोनी को मुद्दा बनाकर हालात खराब करने की कोशिश की गई। बंदूक उठाना और पत्थरबाजी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकते। मुट्ठी भर बच्चों से पुलिस स्टेशन पर पेट्रोल बम फेंकवाते हैं और सीआरपीएफ कैंप पर हमला करवाते हैं। जब सुरक्षा बल कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाते हैं, तो ये लोग भाग जाते हैं और खामियाजा उन्ही छोटे-छोटे बच्चों को उठाना पड़ता है।

आतंकी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत पर उन्होंने कहा कि इसमें नया कुछ भी नहीं है। पिछले ढाई दशक से कश्मीर में कई एनकाउंटर हुए। लेकिन, इस बार इस बहाने हालात खराब किए गए।