कसौली हत्याकांड- आरोपी होटल मालिक वृंदावन से गिरफ्तार,कई दिनों से था फरार

हिमाचल के कसौली में महिला अधिकारी की हत्या करने वाले होटल मालिक को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया. पुलिस के मुताबिक आरोपी विजय लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. पहले उसकी लोकेशन दिल्ली थी, फिर वह यूपी में दाखिल हो गया था. जहां से दिल्ली और हिमाचल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के मुताबिक हत्या की वारदात  के अंजाम देने के बाद आरोपी विजय मौके से भाग निकला था. तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इसी दौरान उसकी लोकेशन दिल्ली दिखाई दी. तो हिमाचल पुलिस ने दिल्ली पुलिस से मदद ली. मगर जब पुलिस उसे पकड़ पाती तब वह यूपी में दाखिल हो गया.

बुधवार रात से ही उसकी लोकेशन मथुरा में रिफाइनरी के पास नज़र आ रही थी. इसी के चलते गुरुवार को पुलिस की संयुक्त टीम को उसकी लोकेशन वृंदावन में मिली. पुलिस की टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी और आखिरकार दिल्ली पुलिस और हिमाचल पुलिस ने हत्यारोपी विजय को वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया.

इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पुलिस और सरकार को फटकार लगाते हुए मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. उसी के बाद आरोपी को पोस्टर कई शहरों में चस्पा किए गए थे. लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था. इस मामले में घटना के वक्त महिला अधिकारी के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों पर सवाल उठ रहे हैं.

पुलिस के सामने हुआ था महिला अधिकारी का कत्ल

बता दें कि घटना के वक्त मौके पर मौजूद आरोपी विजय ने पहले आत्महत्या करने की धमकी दी और उसके बाद महिला अधिकारी के साथ बहसबाजी करने लगा लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने इसके बाद भी उसे हिरासत में नहीं लिया. यही नहीं आरोपी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाता रहा और पुलिसवाले मूकदर्शक बने रहे. आरोपी पुलिस के सामने ही अपनी रिवाल्वर लेकर भागने में भी कामयाब रहा.

सूत्रों की मानें तो एक पुलिस कर्मचारी ने आरोपी का थोड़ी देर पीछा जरूर किया, लेकिन जैसे ही उसने पुलिस कर्मचारी की और रिवाल्वर तानी तो पुलिस वाला उल्टे पांव वापस भाग गया. घटनास्थल के वीडियो क्लिप बताते हैं कि मौके पर एक पुलिस कर्मचारी के पास हथियार था लेकिन उसने महिला अधिकारी की जान बचाने के लिए एक भी राउंड फायर नहीं किया.

सोलन के एसपी मोहित चावला से जब यह पूछा गया कि क्या उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी जो वारदात के समय मूकदर्शक बने रहे, तो चावला ने भरोसा दिलाया कि इस सारे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

उधर, बुधवार को मामला सुर्खियों में आने के बाद सोलन जिला प्रशासन ने आनन-फानन में पुलिस फोर्स तैनात करके फिर से अवैध भवन गिराने का काम शुरू किया.

गौरतलब है कि आरोपी विजय ठाकुर ने बिना इजाजत के ही अपने गेस्ट हाउस की तीन अवैध मंजिलें बनवा ली थी. मंगलवार को उसे जब गेस्ट हाउस खाली करने को कहा गया तो वह तैश में आ गया और उसने अपनी रिवाल्वर से अवैध भवन गिराने गई शैलबाला शर्मा को निशाना बनाकर वहीं ढेर कर दिया.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के कसौली इलाके में काफी अरसे से अवैध निर्माण चल रहा है. नियमों के मुताबिक कसौली क्षेत्र में भवनों की केवल तीन मंजिलें ही बनाई जा सकती हैं लेकिन इस पर्यटन क्षेत्र के कई होटल व्यवसाइयों ने आठ से नौ मंजिलों तक निर्माण कर दिया है.

एक एनजीओ ने यह मामला पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में उठाया था. जिसके बाद एनजीटी ने 13 अवैध भवनों को गिराने के आदेश दिए थे. इन आदेशों को होटल मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी एनजीटी के फैसले को बरकरार रखा और हाल ही 17 अप्रैल के दिन 15 दिनों के भीतर अवैध भवनों को गिराने के आदेश दिए थे.

मंगलवार को कसौली प्रशासन की अवैध ढांचे गिराने की मुहिम का पहला दिन था. लेकिन अवैध भवन गिराने की मुहिम को तब तगड़ा झटका लगा, जब महिला नगर नियोजन अधिकारी शैलबाला शर्मा को अपनी जान गंवानी पड़ी.

उधर, कसौली हत्याकांड के आरोपी विजय ठाकुर की मां नारायणी ठाकुर ने कहा कि मंगलवार को उसके बेटे के दिमाग पर पागलपन छा गया था, जिसके चलते उसने महिला अधिकारी शैलबाला शर्मा को अपने वहशीपन का शिकार बना डाला. आरोपी की बुज़ुर्ग मां के मुताबिक उसके संज्ञान में था कि बेटे के पास रिवाल्वर है, लेकिन उसने कभी सोचा न था कि वह हथियार का इस्तेमाल अपनी जिम्मेदारी निभाने आई बेकसूर महिला अधिकारी की जान लेने के लिए करेगा.