लालू प्रसाद यादव की ज़मानत पर रिहाई के बाद एसा मालूम होता है कि बिहार में लोक सभा इंतेख़ाबात के लिए कांग्रेस, राष्ट्रीय जनतादल और लोक जन शक्ति पार्टी के दरमियान इंतेख़ाबी इत्तिहाद क़ायम होजाएगा। बिहार कांग्रेस के सदर अशोक चौधरी ने आज नायब सदर कुल हिंद कांग्रेस राहुल गांधी से मुलाक़ात की। एक दिन क़ब्ल उन्होंने सदर कांग्रेस सोनिया गांधी के साथ मुशावरत की थी और उन्हें मौजूदा सियासी सूरत-ए-हाल के बारे में जो रियासत बिहार में पाई जाती है, वाक़िफ़ करवाया था।
बी जे पी और जनतादल (यूनाईटेड) इत्तिहाद के ख़ातमे के बाद बिहार का सियासी मंज़र नामा तबदील होचुका है। अशोक चौधरी की नायब सदर कांग्रेस से उनकी क़ियामगाह पर मुलाक़ात निस्फ़ घंटा तवील थी। उन्होंने कल पार्लियामेंट हाउज़ में सदर कांग्रेस सोनिया गांधी से भी मुलाक़ात की थी।
उन्होंने रियासत की सूरत-ए-हाल की तफ़सीलात से दोनों क़ाइदीन को वाक़िफ़ करवाया। इस बात के इशारे मिल रहे हैं कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनतादल के सदर के दरमियान गर्मजोशी मौजूद है। सदर कांग्रेस ने उन्हें टेलीफ़ोन करके चारा अस्क़ाम मुक़द्दमे में उनकी ज़मानत मंज़ूर होने पर मुबारकबाद दी थी। पटना में कल एक प्रेस कान्फ्रेंस में लालू प्रसाद ने कहा कि सदर कांग्रेस सोनिया गांधी ने रांची जेल से रिहाई के बाद मुझे टेलीफ़ोन किया था और फ़राख़दिली से मुबारकबाद दी थी और रिहाई पर इज़हार मसर्रत किया था।
लालू प्रसाद यू पी ए की पहली मेयाद के दौरान वज़ीर रेलवे रह चुके हैं और उन्हें सदर कांग्रेस से क़रीब समझा जाता है। यूपी ए की दूसरी मेयाद के दौरान 2009 के लोक सभा इंतेख़ाबात में नशिस्तों में शराकतदारी के मसले पर उन्होंने कांग्रेस से दूरी इख़तियार करली थी जिस के नतिजे में आर जे डी । एल जे पी । कांग्रेस इत्तिहाद टूट गया था। यूपी ए की पहली मीयाद में आर जे डी दूसरी सब से बड़ी हलीफ़ जमात थी।
उसकी कांग्रेस के बाद लोक सभा में 22 नशिस्तें थीं। ये एहसास पाया जाता है कि आर जे डी और एल जे पी के साथ कांग्रेस के इत्तिहाद से 2004 के करिश्मे का इआदा होगा। जबकि तीनों पार्टीयों के इत्तिहाद ने रियासत की 40 में से 29 नशिस्तें हासिल की थीं। कांग्रेस को 3 और एल जे पी को 4 नशिस्तें हासिल हुई हैं। 2009 में एल जे पी और आर जे डी के कांग्रेस से तर्क-ए-ताल्लुक़ के नताइज तबाहकुन साबित हुए। आर जे डी को 4 , कांग्रेस को 2 नशिस्तें हासिल हुईं जबकि एल जे पी एक नशिस्त पर भी कामयाबी हासिल ना करसकी। एल जे पी के सदर राम विलास पासवान को अपने आबाई इंतेख़ाबी हलक़े में शर्मनाक शिकस्त हुई थी।