कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आरएसएस प्रमुख को प्रतिबंधित करने की मांग की

कांग्रेस ने आरएसएस के मुख्या मोहन भागवत के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया हैं । कांग्रेस का कहना हैं की मोहन भागवत ने मध्यप्रदेश के बेतुल में ‘हिन्दू सम्मलेन’ के दौरान अपने भाषण के द्वारा साम्प्रदायिकता फ़ैलाने की कोशिश की हैं ।

महाराष्ट्र कांग्रेस सचिव ‘शहज़ाद पूनावाला’ ने भागवत पर “मॉडल कोड और आचरण” के उल्लंघन का आरोप लगाया और कहा हैं की बेतुल में दी गयी उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से सांप्रदायिक हैं।

पूनावाला ने कहा की यह कोई पहली और अकेली घटना नहीं हैं जिसमे बीजेपी और संघ परिवार उत्तर प्रदेश के चुनावो से पहले ख़राब माहौल फ़ैलाने की कोशिश कर रहा हो। यह सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय का भी तिरस्कार हैं जिसमे सर्वोच्च न्यायलय ने वोटों के लिए सांप्रदायिक टिप्पड़ियों और धर्म का इस्तेमाल करने से मना किया हैं।। मैं चुनाव आयोग से भागवत के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करने की गुज़ारिश करूँगा ताकि ऐसे सांप्रदायिक बयान न दिए जाये  ।
भागवत ने अपने बयान मे कहा की ” सभी हिंदुस्तानी हिन्दू हैं और वे सब एक इकाई हैं”।

” यह बयान मध्यप्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यो मे भी प्रसारित किया जायेगा जिसके कारण साम्प्रदायिकता फैलने की सम्भावना अधिक हैं । हलाकि यह बयान उत्तर प्रदेश मे नहीं दिया गया परंतु यह ओवैसी की सांप्रदायिक ज़हर फ़ैलाने के लिए आमन्त्रित करेगा। ऐसे बयानों द्वारा लोगो को सांप्रदायिक तरीको से बाँट कर वोट मांगने की कोशिश की जा रही हैं”, पूनावाला ने कहा।

चुनाव आयोग से भागवत पर प्रतिबंद लगाने की मांग करते हुए पूनावाला ने कहा की, “उत्तर प्रदेश में मोहन भागवत के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंद लगना चाहिए। यह जानते हुए की इन राज्यो का चुनाव बहुत ही गंभीर विषय हैं , ऐसी टिप्पणियां कानून और व्यवस्था को खतरे में डाल सकती हैं । हमे इनसे बचना चाहिए ताकि राज्यो में निष्पक्ष चुनाव हो सके”।